गुजरात. गुजरात चुनाव की चर्चा पुरे देश में हो रही है.पहले चरण के मतदान में 923 उम्मीदवारो में से 137 पर फौजदारी के मुक़दमे चल रहे है, वही 198 उम्मीदवार करोड़पति है. मर्डर, किडनैपिंग, बलात्कार जैसे गंभीर मामले जहां उम्मीदवारो पर चल रहे है, वही छोटे मोटे अपराधों की फेहरिस्त काफी लम्बी है.
औसतन इनकी संपत्ति 2.16 करोड़ रुपये है. बीजेपी उम्मीदवारों की संपत्ति का औसत जहां 10 .7 करोड़ रुपये तक है, वही कांग्रेस प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 8.46 करोड़ रुपए होने की खबर है. सुप्रीम कोर्ट के हालिया सुझाव के तहत दागी और बागियों को सीट न दिए जाने की सिफारिश को भी दर-कीनार किया गया. पार्टियों द्वारा भी साफ छवि के प्रत्याशियों को ही टिकट दिए जाने के बयानों के बिच ये आकड़े चौकाने वाले है. हालाँकि देश में पहली बार ऐसा नहीं हो रहा है की करोड़पति, दागी और बागी लोग चुनावी रण में कूदे है. ऐसे में देश की राजनीती की दशा और दिशा सुधार के सरकारी वादे को किस तरह पूरा किया जायेगा.?
आपराधिक मामलो में लिप्त लोग जब सत्ता में बैठ के जनता के दुःख दूर करने की बात करते नज़र आएंगे तो जनता के विश्वास को डगमगाने के लिए एक पल भी शायद ही सोचना पड़े. जो कभी खुद कानून से खिलवाड़ करते थे, वो अब सविंधान की पूरी निष्ठा से सेवा की कसम खाते दिखाई देंगे.
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