भीलवाड़ा : दालों के बढ़ते दामों को लेकर लोग बेहद परेशान हैं। हालात ये है कि लोगों की रसोई प्रभावित हो रही है तो दूसरी ओर उनके बजट पर भी इसका व्यापक असर हो रहा है। जिसे लेकर राजस्थान सरकार ने सुध ली थी और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि दालों की नीलामी की जाए मगर प्रशासन द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया गया। पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी दालों का निस्तारण नहीं किया जाता है। मगर प्रशासन दालों की जमाखोरी में लगा हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा 23 अक्टूबर को आदेश जारी कर 4 हजार से भी अधिक दालों का स्टाॅक रखने को लेकर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए थे। जिस पर जिला रसद विभाग द्वारा 27 अक्टूबर तक करीब 6 व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर छापामार कार्रवाई भी की गई। जिसमें लगभग 22 हजार 233 किलोग्राम चना दाल, चना, उड़द, मोगर आदि शामिल हैं।
इनका मूल्य 13 लाख 85 हजार 140 रूपए दर्शाई गई है। जब्त किए गए इस तरह के माल की सुपुर्दगी व्यवसायियों द्वारा की गई। इस मामले में व्यापारियों द्वारा कहा गया कि सरकार द्वारा जब्त दाल को बाजार में नहीं बेचा जाएगा। हालांकि व्यापारियों ने कहा कि दालों के दामों में गिरावट नहीं आ पाएगी। व्यापारी का कहना रहा कि माल स्वयं के गोदाम में पड़ा था, मगर इस पर सरकार ने कब्जा ले लिया। किसी को भी इस मसले को लेकर कोई लाभ नहीं हुआ है।
दूसरी ओर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त खाद्य आयुक्त महाबीर प्रसाद शर्मा द्वारा 24 अक्टूबर को आदेश दिया गया कि दलहन को जब्त किया गया है। जिसका निस्तारण किया जा सके। जिला कलेक्टर के समक्ष निस्तारण या फिर प्रार्थनापत्र प्रस्तुत करने की बात कही गई है।