नई दिल्ली : इसे विरोधाभास कहें या एयर इण्डिया की मनमानी, कि भारी घाटे से परेशान सरकार की चिंताओं को दरकिनार कर कंपनी प्रबंधन अपने पायलटों के वेतन में 12 लाख रुपये वार्षिक तक की भारी वेतन वृद्धि करने की तैयारी में है. जबकि सरकार घाटे से उबरने के लिए इसका निजीकरण करने का प्रयास कर रही है.
एक अखबार से मिली जानकारी के अनुसार एयर इंडिया अपने 100 पायलट पदोन्नति देने जा रही है और प्रत्येक के वेतन में सालाना 12 लाख रुपये तक की वृद्धि की जाएगी. जबकि एयरलाइंस के निजीकरण की तैयारी हो रही है. इन पायलटों को पदोन्नत कर कार्यकारी का दर्जा दिया जाएगा. हालाँकि कई अधिकारी पदोन्नति को इसलिए वाजिब ठहरा हैं कि इन लोगों की पिछले 8-10 साल से पदोन्नति नहीं की है. लेकिन वेतन में इतनी भारी वृद्धि की बात गले नहीं उतर रही, क्योंकि कंपनी लगातार घाटे में चल रही है. अभी दो दिन पहले ही सरकार ने दो वीवीआईपी विमानों की खरीद और उनकी साज-सज्जा के लिए राष्ट्रीय लघु बचत निधि खाते से एयर इंडिया को राशि दी है.
गौरतलब है कि वर्ष 2012 से अब तक एयर इंडिया में करीब 23 हजार करोड़ रुपये की भारी पूंजी डाल चुकी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गत वर्ष जून माह में एयर इंडिया के निजीकरण को मंजूरी दी थी. इस वर्ष एयर इंडिया में 49 फीसदी विदेशी निवेश को कैबिनेट की मंजूरी मिली है. एयर इंडिया की 6 सब्सिडियरी में से 3 घाटे में चल रही हैं. इसके बावजूद इतनी भारी भरकम वेतन वृद्धि करना जायज नहीं लग रहा है.
यह भी देखें
एयर इंडिया का ट्वीटर अकाउंट हुआ हैक
उन्मुक्त गगन में महिलाओं की उड़ान