देहरादून : नैनीताल हाई कोर्ट में आज एक बार फिर उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि वो अदालत से खिलवाड़ न करें। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि केंद्र सरकार अगले एक हफ्ते में राज्य से राष्ट्रपति शासन हटा दें।
उतराखंड हाई कोर्ट ने कहा कि वो किसी के भी साथ अन्याय नहीं कर सकती। कोर्ट इस बात से दुखी है कि भारत सरकार ऐसा व्यवहार कैसे कर सकती है और वो यह भी साफ नहीं कर रही है कि राष्ट्रपति शासन को हटाने के लिए कार्रवाई स्थगित करेगी या नहीं।
उतराखंड के सीएम हरीश रावत व बागी विधायकों की सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत आज कोई फैसला लेगी। केंद्र सरकार का पक्ष रखने आए एएसजी ने कोर्ट में कहा कि राष्ट्रपति के फैसले पर हाइ कोर्ट को दखल देने का हक नहीं है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राष्ट्रपति का आदेश किसी राजा का फैसला नहीं है, इसकी न्यायिक समीक्षा की जा सकती है।
एएसजी ने कहा कि राज्य विधानसभा के ज्यादातर सदस्य मौजूदा सरकार ने खुश नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि मंगलवार को भी केंद्र ने 35 विधायकों की बात कही थी, लेकिन राष्ट्रपति को राज्यपाल ने जो चिठ्ठी लिखी है, उसमें इस बात का जिक्र नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा कि वोटों के बंटवारे के संबंध में एक दिन पहले ही जानकारी मिल गई थी, लेकिन इसके बावजूद राज्यापल ने अपने पत्र में कुछ नहीं लिखा, क्यों।