चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार के गले का काटा बने गेस्ट टीचरों का विवाद लगातार बढ़ता चला जा रहा है. इस मामले में मुख्य विपक्षी दल इनेलो जहां पूरी तरह से चुप है वहीं कांग्रेस ने आगे बढ़ते हुए गेस्ट टीचरों के संघर्ष का समर्थन कर दिया है. कांग्रेस खुलकर गैस्ट टीचरों के समर्थन में आ गई है. हरियाणा सरकार ने 21 मई को देर रात एक आदेश जारी करके हटाए जाने वाले 4060 गेस्ट टीचरों की सूची जारी कर दी थी. सूची जारी होते ही गेस्ट टीचरों का विवाद पूरे हरियाणा में भडक़ गया. गैस्ट टीचरों ने 22 मई को पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया वहीं विपक्षी दल कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर आगे आई.
हरियाणा में पिछले कई दिनों से चल रहे गैस्ट टीचर आंदोलन के बीच सरकार ने 22 मई को 4060 गैस्ट टीचरों की सूची जारी करते हुए उनसे 24 घंटे में जवाब मांग लिया. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गैस्ट टीचरों का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने उन्हें न केवल नौकरी प्रदान की थी बल्कि प्रदेश से अध्यापकों की कमी को भी पूरा भी किया था. हुड्डा ने दावा किया कि उन्होंने दस वर्ष तक इन कर्मचारियों की नौकरी नहीं जाने दी. भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए इन कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. आज भाजपा अपने वादे से मुकर रही है.
26 मई को प्रदेशभर में संघर्ष -
हुड्डा की तरफ से महम के विधायक आनंद सिंह दांगी 22 मई को पंचकूला में गैस्ट टीचरों के पास गए और उन्हें कांग्रेस पार्टी की तरफ से समर्थन देने का ऐलान किया. दांगी ने गैस्ट टीचरों को उनके संघर्ष में सहयोग करने का भी आश्वासन दिया. इसी दौरान प्रदेश के कई कर्मचारी संगठनों ने भी गैस्ट टीचरों को समर्थन देने का ऐलान कर दिया. इस बीच गैस्ट टीचरों ने कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर 26 मई को प्रदेशभर में संघर्ष का ऐलान कर दिया है.