नई दिल्ली : नई दिल्ली. गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) परिषद् की नौवीं बैठक शुरू हो गई. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में सोमवार को शुरू हुई बैठक में दोहरे नियंत्रण पर सहमति बनने के संकेत मिले हैं. बता दें कि पिछली चार बैठक में भी दोहरे नियंत्रण के मुद्दे का हल नहीं इसीलिए नहीं निकल पाया क्योंकि राज्यों की मांग है कि उन्हें 1.5 करोड़ से ज्यादा सालाना टर्नओवर वाले करदाता नियंत्रण का अधिकार मिले. जबकि केंद्र अभी इसके पक्ष में नहीं हैं.पिछली बैठकें इसीलिए बेनतीजा रही.
बता दें कि राज्यों को नियंत्रण देने के लिए फिलहाल केंद्र सरकार इसलिए तैयार नहीं है, क्योंकि उसे लगता है कि राज्यों के पास सर्विस टैक्स वसूलने की विशेषज्ञता नहीं है. जेटली करदाता की दो ऑडिट जाँच के खिलाफ है . इसके अलावा दोनों एक दूसरे के खिलाफ काम कर सकते हैं. केंद्र सरकार पहले भी कह चुकी है कि एक ही तरह के करदाता पर दो नियंत्रक कैसे हो सकते है.फिर भी सरकार चाहती है कि फैसला आम सहमति से हो.
सूत्रों के अनुसार, जीएसटी लागू होने की वजह से राज्यों को होने वाले आय के नुकसान के लिए कॉर्पस बनाने को लेकर इस बैठक में कोई फैसला लिया जा सकता है.जीएसटी से राज्यों को होने वाली राजस्व हानि का मुआवजा देने के लिए 50 हजार करोड़ रुपए का फंड तैयार करने के लिए तंबाकू, एयरेटेड ड्रिंक्स और प्रदूषण फैलाने वाले उत्पाद पर अतिरिक्त सेस लगाने पर सहमति बनी है.सरकार 1 अप्रैल से जीएसटी को लागू करने की तैयारी कर रही है, लेकिन सम्भावना है कि जीएसटी जुलाई-सितंबर सत्र तक ही लागू हो पाएगा.