ड्राइवर की सुन लेते तो नहीं होता रेल हादसा

ड्राइवर की सुन लेते तो नहीं होता रेल हादसा
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कानपुर : यदि रेलवे के अफसर ड्राइवर की बात सुन लेते तो संभवतः रविवार की तड़के हुआ भीषण रेल हादसा होने से बच सकता। रेल ड्राइवर ने कानपुर पहुंचने के पहले ही इंजन में होने वाली गड़बड़ी का संकेत अधिकारियों को दे दिये थे, बावजूद इसके अधिकारियों ने ड्राइवर की बात पर गौर नहीं किया और दर्दनाक हादसे में सौ से अधिक लोगों की जान चली गई। इंदौर-राजेन्द्र नगर एक्सप्रेस हादसे की जांच सोमवार से शुरू हुई है।

रेल चालक जलत शर्मा ने मामले को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी है। झांसी डिविजन के चालक शर्मा ने बताया कि शनिवार-रविवार की दरमियानी रात करीब एक बजे उसे दो स्टेशन पार करते समय इंजन पर अधिक लोड दिखा था, चुंकि वह अनुभवी ड्राइवर है, इसलिये खतरे को भांपते ही उसने तुरंत ही झांसी मंडल के रेल अधिकारियों को जानकारी दे दी।

शर्मा का आरोप है कि अधिकारियों ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया और कहा कि ट्रेन को जैसे-तैसे झांसी से कानपुर तक ले जाओं, फिर वहीं देखा जायेगा। चुंकि अधिकारियों का आदेश था, इसलिये शर्मा ने ट्रेन को दौड़ा दी। शर्मा ने बताया कि रविवार की तड़के ओएचई केबल में धमाका हुआ तो उसने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए थे। इसके बाद जो भी हुआ, किसी ने संभवतः कल्पना नहीं की होगी।

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