ग्रीन टी करती है इस खतरनाक अणु को शरीर से बाहर
ग्रीन टी करती है इस खतरनाक अणु को शरीर से बाहर
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क्या आप जानते है एथेरोस्लेरोसिस के बारे में. यदि नहीं तो हम आपको  बताते इसके बारे में, यह हमारे शारीर के लिए बहुत ही खतरनाक होता है तथा यह मॉलीक्यूल नामक अणु से ही बिकसित होता है. इस अणु से ही शरीर में एथेरोस्लेरोसिस बढ़ता है. एथेरोस्लेरोसिस से ही आगे चलकर हृदयरोग, स्ट्रोक और मृत्यु का कारण बन सकता है. 

ब्रिटेन में इंस्टीट्यट ऑफ फूड रिसर्च (आईएफआर) के शोधकर्ता पॉल क्रून ने कहा, ''इन आंकड़ों से एक स्पष्ट तंत्र का पता चलता है, जो भोजन में बायोएक्टिव यौगिकों को लाभकारी प्रभावों के साथ जोड़ता है''. शरीर में मौजूद मॉलीक्यूल एसक्यूलर एंडोथीलाइल ग्रोथ फैक्टर (वीईजीएफ) अस्वस्थ कोशिका में रक्त वाहिनियों के निर्माण के मुय प्रवाहक हैं. 

इस प्रक्रिया को एन्जियोजेनेसिस कहा जाता है. एन्जियोजेनेसिस के जरिए ही कैंसर और एंथेरोस्लेरोटिक का खतरा बढ़ता है. इस शोध के दौरान शोधकर्ताओं को यह पता चला कि ग्रीन चाय में मौजूद एपीगलोकैटचीन गैलेट (ईजीसीजी) और सेब में मौजूद प्रोसाइनिडिन से वीईजीएफ के कामकाज को अवरुद्ध कर देता है.

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