नई दिल्ली : हाल ही में केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वह किसी भी तरह से RBI की नीतिगत दर तय करने की आज़ादी को कम नहीं करना चाहती है. इस मामले पर वित्त सचिव राजीव महर्षि ने संवाददाताओं से यह भी कहा है कि "हम आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के साथ मौद्रिक नीति समिति के रूप और कार्यपद्धति पर भी बात कर रहे हैं।" उनका यह भी कहना है कि भारतीय वित्त संहिता के मामले पर अभी विचार किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि केवल मसौदे को लेकर यह किसी भी तरह से सोचना गलत होगा की RBI की स्वायत्ता को सरकार के द्वारा कम किया जा रहा है.
मामले में यह भी कहा गया है कि "सरकार का दृष्टिकोण तो तभी सामने आएगा जब IFC विधेयक का मसौदा पेश किया जायेगा." यह भी बता दे कि गत महीने ही मसौदा विचार विमर्श के लिए सार्वजानिक किया गया है, और इसमें मौद्रिक नीति समिति में वीटो लगाने के गवर्नर कर अधिकार को हटाये जाने के प्रस्ताव भी देखे गए है. इसके साथ ही यह बात भी सामने आई है कि इस समिति में RBI गवर्नर सहित 3 प्रतिनिधि और सरकार के 4 प्रतिनिधि रखने का प्रस्ताव भी है. गौरतलब है कि बीते गुरुवार को ही मूडीज ने यह कहा था कि RBI के द्वारा तय की जाने वाली स्वायत्ता के साथ छेड़छाड़ भारत की अर्थव्यवस्था के लिए घातक साबित हो सकती है.