लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (SC, ST एवं OBC) के लिए आरक्षण व्यवस्था काे संविधान की नौवीं अनुसूची में समिल्लित करने की मांग करते हुए रविवार को कहा है कि इससे इन समुदाय के लोगों को सुरक्षा कवच मिल सकेगा।
उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कहा कि 'कांग्रेस के बाद अब बीजेपी व इनकी केन्द्र सरकार के अनवरत उपेक्षित रवैये के कारण यहाँ सदियों से पछाड़े गए एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के शोषितों-पीड़ितों को आरक्षण के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने का सकारात्मक संवैधानिक प्रयास फेल हो रहा है, जो अति गंभीर व दुर्भाग्यपूर्ण है।' एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा कि 'केन्द्र के ऐसे गलत रवैये के कारण ही मा. कोर्ट ने सरकारी नौकरी व प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था को जिस प्रकार से निष्क्रिय/निष्प्रभावी ही बना दिया है उससे पूरा समाज उद्वेलित व आक्रोशित है। देश में गरीबों, युवाओं, महिलाओं व अन्य उपेक्षितों के हकों पर लगातार घातक हमले हो रहे हैं।'
अपने तीसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा कि 'ऐसे में केन्द्र सरकार से पुनः माँग है कि वह आरक्षण की सकारात्मक व्यवस्था को संविधान की 9वीं अनुसूची में लाकर इसको सुरक्षा कवच तब तक प्रदान करे जब तक उपेक्षा व तिरस्कार से पीड़ित करोड़ों लोग देश की मुख्यधारा में शामिल नहीं हो जाते हैं, जो आरक्षण की सही संवैधानिक मंशा है।'
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