सरकार को करना पड़ सकता है गेंहू का आयात
सरकार को करना पड़ सकता है गेंहू का आयात
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नई दिल्ली : जहाँ एक तरफ मौसम में कमजोरी देखने को मिली है तो वहीँ गेहूं की फसल पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. इस मामले में एसोचैम के एक अध्ययन से यह बात सामने आई है कि बेमौसम बारिश के साथ ही ओलावृष्टि के कारण भी फसल क्षतिग्रस्त हुई है जिस कारण गेहूं उत्पादन में 1.3 करोड़ टन की कमी देखी जा सकती है.

इस कारण ही यह भी कहा जा रहा है कि सरकार को गेहूं का आयात करने की जरुरत पड़ सकती है. मामले में ही यह भी कहा गया है कि फसल उत्पादन में इस कमी के कारण खाद्य मुद्रास्फीति में तेजी देखने को मिल सकती है और इस कारण ही कीमतों में तेजी आने की पूरी सम्भावना है.

जानकारी में ही यह बात भी सामने आ रही है कि एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा है कि गेहूं पर आयात शुल्क को 5 फीसदी कर दिया जाना चाहिए जोकि फ़िलहाल 10 फीसदी है. साथ ही यह भी बता दे कि पिछले करीब 15 दिनों के अंतर्गत हाजिर बाजार में गेहूं 30 से 40 रुपए प्रति क्विंटल महंगा हुआ है.

जबकी साथ ही यह भी देखने को मिल रहा है कि गेंहू को वायदा बाजार में 40 रुपए क्विंटल महंगा होता हुआ देखा गया है. लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि 15 अप्रैल के नाद बाजार में नई फसल आने वाली है और यह भाव में राहत ला सकती है. इस मामले में गेहूं के कारोबारीयो का यह कहना है कि बेमौसम बारिश, रबी सीजन में ठंड न पड़ना और साथ ही रकबा कम होने के कारण गेंहू का उत्पादन कम रहने वाला है.

जिस कारण नई फसल पर इसका असर देखने को मिलने वाला है. लेकिन साथ ही यह भी अनुमान है कि हाजिर बाजार में नई फसल आने के बाद भाव 1,650 रुपए क्विंटल से नीचे नहीं जाएंगे. यह भी कहा जा रहा है कि सितंबर माह तक गेहूं 1850 रुपए क्विंटल तक पहुंच सकता है.

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