नई दिल्ली : सर्राफा व्यापारियों के द्वारा शुरू की गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल का रुख बहुत ही तेज हो गया है. गौरतलब है कि यह हड़ताल 2 मार्च से शुरू हुई है और लगातार चल रही है. इस दौरान यह बात सामने आई है कि इस हड़ताल से अब तक 15 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक का नुकसान हो चूका है. मामले में यह भी सुनने में आया है कि दो दिन पहले हड़ताल को लेकर व्यापारियों की वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मुलाकात हुई है. लेकिन इस मुलाकात को लेकर यह सुनने में आया है कि यहाँ कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है.
अब इस मामले में सरकार का एक और बयान सामने आया है जिसके अनुसार यह कहा गया है कि 1 फीसदी उत्पाद शुल्क को भरने का तरीका बेहद ही आसान है. साथ ही यह भी कहा गया है कि यह शुल्क किसी भी तरह से कोई अतिरिक्त बोझ नहीं है. गौरतलब है कि इस उत्पाद शुल्क को लेकर सरकार पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह इसे वापस नहीं लेने वाली है. इसके चलते ही हड़ताल इतनी तेजी से आगे जा रही है.
मामले में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क मुख्य आयुक्त जे.एम. केनेडी का यह बयान सामने आया है कि यह एक बेहद आसान तरीका है. और सर्राफा के व्यापारी भी एक फीसदी उत्पाद शुल्क को ऑनलाइन अदा कर सकते है. इसके लिए वे दो दिनों के अंदर पंजीकरण भी पा सकते हैं. इसके साथी केनेडी ने आभूषण व्यापारियों की यह आशंका की यह एक अतिरिक्त बोझ होने वाला है को दूर करते हुए कहा है कि यह उत्पाद शुल्क केवल ऐसे आभूषण विनिर्माताओं पर लगाया जाना है जिनका कुल बिज़नेस पिछले साल के दौरान 12 करोड़ रुपए से अधिक रहा है.