नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का कहर जारी है। इसी बीच कोरोना के दूसरे अटैक का खतरा मंडराने लगा है। वहीं लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। यूनाइटेड किंगडम में कोरोना के नए स्ट्रेन (Coronavirus new strain) सामने आने के बाद सबके मन में एक ही सवाल है कि कोरोना वैक्सीन क्या इस नए स्ट्रेन से लड़ने में समर्थ है। केवल वैक्सीन पर सबकी उम्मीदें टिकी हुईं हैं।
वहीं, दूसरी तरफ सबको ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन (Oxford university vaccine) की प्रतीक्षा है। अमेरिका में कोरोना वैक्सीन का उपयोग जारी है और दुनिया भर के कई देशों में कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। इस बीच भारत के लिए बड़ी खबर है कि अगले सप्ताह तक ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को स्वीकृति मिल सकती है। अभी रूस, ब्रिटेन और अमेरिका में कोरोना टीकाकरण आरंभ हो चुका है।
जानकारी के अनुसार, भारत में भी वैक्सीन अप्रूवल में तेजी आने वाली है। एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन को मोदी सरकार से अगले सप्ताह हरी झंडी मिलने की संभावना है। लोकल मैन्युफैक्चरर से अतिरिक्त आंकड़े मिलने के बाद सरकार इसे स्वीकृति दे सकती है वहीं, यह स्वीकृति सिर्फ इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए होगी। बता दें कि भारत में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनज़र भारत सरकार अगले महीने से नागरिकों को टीका लगाना शुरू करना चाहती है।
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