फतेहाबाद: कभी-कभी छोटे बच्चे वह काम कर जाते हैं जो बड़े नहीं कर पाते. ऐसा ही एक मामला हरियाणा के एक गांव का सामने आया है जहां गांव की सातवीं कक्षा की लड़की ने गांव का 'गन्दा 'नाम बदलने की गुजारिश प्रधान मंत्री से की. इस पर पीएमओ कार्यालय ने त्वरित पत्र लिखकर फतेहाबाद और रतिया प्रशासन के संबंधित अधिकारियों को गांव का नाम बदलने और गाँव की समस्याओं के समाधान करने के निर्देश दिए|
सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली हरप्रीत ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा कि मेरे गाँव का नाम ही 'गंदा' है. किसी को बताने में ही शर्म आती है. हमारे गाँव का नाम लेकर लोग बेइज्जत करते हैं. मेरी गुजारिश है कि यह नाम बदला जाए . उसने गांव की समस्याओं से भी पीएम को अवगत कराया. हरप्रीत को तब बहुत ख़ुशी हुई जब उसके लिखे पत्र पर प्रधान मंत्री कार्यालय ने जवाब भेजकर नाम बदलने और गांव की समस्याओं को दूर करने के स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए|
गांव वालों ने कहा कि पिछले 27 साल से जो कोई न कर सका वह इस बच्ची ने कर दिखाया. हरप्रीत की इस पहल से सब खुश हैं. वैसे गंदा पंचायत ने 4 मार्च 1989 को गाँव का नाम बदलकर 'अजित नगर' करने की सिफारिश की थी, लेकिन राजस्व विभाग और प्रशासन की अन्य औपचारिकताएं पूरी नहीं होने से यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी|