Jun 30 2016 06:12 AM
गौतम बुद्ध की मृत्यु के अवसर पर बौद्ध धर्म के अनुयायी परिनिर्वाण या निर्वाण दिवस मनाते हैं। बौद्ध जातक गौतम बुद्ध की मृत्यु का शोक नहीं मनाते क्योंकि उनका विश्वास हैं कि बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करके भौतिक अस्तित्व और उसके कष्टों से मुक्ति पाई थी और मोक्ष की प्राप्ति की थी। मान्यता है कि भगवान बुद्ध की मृत्यु 80 वर्ष की आयु में हुई।
परिनिर्वाण दिवस
यह दिवस हर साल 15 फरवरी को मनाया जाता है।
परिनिर्वाण दिवस कैसे मनाया जाता है
निर्वाण दिवस के दिन बौद्ध अनुयायी गौतम बुद्ध की शिक्षाओं का चिंतन करते हैं। निर्वाण दिवस विशेष रूप से गौतम बुद्ध की शिक्षाओं को याद रखने और उन्हें जीवन में उतारने का अवसर माना जाता है। इस दिन मठों और मंदिरों में ध्यान लगाने और गौतम बुद्ध को याद करने के लिए शिविर लगाए जाते हैं। साथ ही इस दिन विशेष प्रकार के व्यंजन पकाए जाते हैं और लोग एक दूसरे को उपहार भेंट करते हैं।
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