इन दिनों पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के अध्यक्ष और महाभारत के युधिष्ठिर गजेंद्र चौहान को लेकर बड़ा विवाद चल रहा है. लेकिन गजेन्द्र चौहान ने अपने पद से हटने से साफ इनकार कर दिया है. उन्होंने अपनी नियुक्ति के खिलाफ और इस्तीफे की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शनों से अविचलित हुए बिना कहा कि मैं अपना पद नहीं छोड़ूंगा.क्योकि उनका चयन सरकार ने किया है.
पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के संचालन परिषद के नये अध्यक्ष के रुप में पिछले महीने उनकी नियुक्ति होते से ही एक नया विवाद शुरु हो गया है क्योंकि छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे हैं और शैक्षिक कार्य छोड़ रहे हैं. उनका आरोप है कि उनमें संस्था का नेतृत्व करने का 'कद और दृष्टि' की कमी है. उन्होंने कहा, मैं सेवानिवृत्ति किससे लूं? एक कलाकार कैसे सेवानिवृत्त हो सकता है? मुझे यह समझ में ही नहीं आता है. मेरी नियुक्ति सरकार के विचार से ही हुई है.
सरकार मुझे जो भी आदेश देगी मैं उसका पालन करुंगा. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मेरी योग्यता की जांच की है और उसके बाद ही मुझे यह काम सौंपा है. उन्होंने कहा, मुझे पता चला है कि कुछ समाचार चैनल ऐसी खबरें चला रहे हैं कि मैंने यह कहा है कि अनुपम खेर और ऋषि (कपूर) कौन हैं. मैंने यह कभी भी नहीं कहा है. मैं इससे पूरी तरह से इनकार करता हूं और मेरे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है. एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते दोनों को अपने विचार रखने का पूर्ण अधिकार है.