मिशन गगनयान: 2022 में होगी लॉन्चिंग, लेकिन उससे पहले कई प्रशिक्षण बाकी
मिशन गगनयान: 2022 में होगी लॉन्चिंग, लेकिन उससे पहले कई प्रशिक्षण बाकी
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नई दिल्ली: भारत के पहले मानव मिशन गगनयान के लिए चयनित 4 अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ दिनों के अंदर प्रशिक्षण के लिए रूस भेजा जाने वाला है. वहीं  केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन्हें रूस में अगले 11 महीनों तक प्रशिक्षण किया जा सकता है. जंहा जितेंद्र सिंह के अनुसार, गगनयान मिशन के लिए 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इस मिशन को देश की आजादी की 75वीं वर्षगाठ पूरा होने के अवसर पर 2022 में लॉन्च किया जाएगा.  रूस में प्रशिक्षण के बाद चयनित अंतरिक्ष यात्रियों को भारत में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. यहां उन्हें इसरो द्वारा डिजाइन किए गए मॉड्यूल का संचालन और इसके साथ काम करना सिखाया जाएगा.

भारतीय अंतरिक्षयात्रियों के लिए प्रयोगशाला में बना विशेष खाना: विशेषज्ञों से मिली जानकरी के अनुसार इस बात का पता चला है कि गगनयान मिशन में जाने वाले भारतीय अंतरिक्षयात्रियों के लिए विशेष तरह का खाना बनाया गया है. जंहा भारतीय अंतरिक्षयात्रियों के लिए खाने का जो मेन्यू तैयार किया गया है कि उसमें एग रोल्स, वेज रोल्स, इडली, मूंग दाल का हलवा और वेज पुलाव शामिल है. वहीं जिसे मैसूर के रक्षा खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला में तैयार किया गया है. अतंरिक्षयात्रियों को खाना गर्म करने के लिए फू़ड हीटर्स भी दिए जाएंगे. जिसके अलावा अंतरिक्षयात्रियों को पीने के लिए पानी और जूस दिया जाएगा. चूंकि अतंरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता है इसलिए गगनयान अभियान में जाने वालों के लिए ऐसे विशेष कंटेनर बनाए गए हैं जिनमें वह इसे लेकर जा सकें.

आगरा में बने पैराशूट से धरती पर उतरेगा 'गगनयान': वहीं इस बात पर जब गौर फ़रमाया गया तो पता चला है कि मिशन गगनयान के क्रू मॉड्यूल की वापसी और रिकवरी सिस्टम में आगरा के एडीआरडीई (हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास संस्थान) के पैराशूट का इस्तेमाल किया जाएगा. इन पैराशूट को तैयार किया जा चुका है. इनसे मलपुरा पैरा ड्रॉपिंग जोन में ट्रॉयल किया जा रहा है. यह दो साल और चलेगा. वहीं यह मिशन 2022 में शुरू होने से कुछ समय पहले तक अलग-अलग ऊंचाई से जंपिंग का अभ्यास किया जाने वाला है. इसे देखने के लिए इसरो की टीम भी आगरा आ सकती है.

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