भविष्य उस देश का होगा जिसके पास अनाज होगा : स्वामीनाथन
भविष्य उस देश का होगा जिसके पास अनाज होगा : स्वामीनाथन
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भारत एक कृषि प्रधान देश है. जहा का लगभग आधा प्रतिशत भाग कृषि के लिए उपयोग किया जाता है. लेकिन देश में कृषि की तत्कालीन स्थिति को देखते हुए भारतीय कृषि के हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन ने कहा कि भविष्य उन देशों का है, जहां अनाज है, न कि बंदूक. साथ ही अपनी बात में उन्होंने यह भी कहा कि भारत को कृषि क्षेत्र को ज्यादा प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योकि कृषि ही उसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. स्वामीनाथन अमेरिका की एक विचार संस्था सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में शामिल होने आये थे.

 स्वामीनाथन ने अपनी प्रस्तुति के बाद एक सवाल के जवाब में यहाँ कहा कि कृषि को और प्राथमिकता देने की आवश्यकता है. स्वामीनाथन ने आगे कहा कि किस तरह सरकार की नीति भूख खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त कर पाती है और इसमें वो क्या भूमिका निभाती है. उन्होंने इस बात की कड़ी आलोचना की है कि भारत में कृषि पर आवश्यक ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की लेकिन उन्होंने कहा की वास्तविक रूप से जमीनी स्तर पर वैसा कुछ काम नहीं हो रहा है जो मैं देखना चाहूंगा.

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