राजनीति की कबड्डी और FTII विद्यार्थियों का भविष्य
राजनीति की कबड्डी और FTII विद्यार्थियों का भविष्य
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पुणे के फिल्म एंव टेलिविज़न संस्थान में जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि विद्यार्थियों की भूख हड़ताल टूट गई और वे अपनी कक्षाओं में चले गए लेकिन अभी भी विद्यार्थी संस्थान के अध्यक्ष को बदलने पर तूले हुए हैं। उनकी मांग है कि संस्थान में किसी बड़े कलाकार को अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया जाना चाहिए। मगर इस मामले में राजनीतिक परेशानियों की बात कही जा रही है। एक ओर जहां एक बड़ा और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थान राजनीति की भेंट चढ़ रहा है तो युवा विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।

ऐसे विद्यार्थी जो फिल्म या डाॅक्यूमेंट्री के माध्यम से समाज के सामने बेहतर मंथन और वैचारिक क्रांति ला सकते हैं। उनका भविष्य और उनकी आकांक्षाऐं चूर - चूर हो रही हैं। पुणे के इस संस्थान में इस वर्ष नया सत्र प्रारंभ होने के बाद से ही राजनीति की कबड्डी खेली गई और शीर्ष संस्थान के अध्यक्ष पद पर गजेंद्र चैहान की नियुक्ति कर दी गई। बस इसी के बाद से ही विद्यार्थियों ने विवाद खड़ा कर दिया।

विद्यार्थियों के विवाद का कारण था कि उन्हें संस्थान के अध्यक्ष के तौर पर किसी बड़े व्यक्तित्व के पदासीन होने की आस थी मगर यूपीए के प्रभाव को नकारती एनडीए सरकार ने इस पद पर अपनी पार्टी के नेता और कलाकार गजेंद्र की नियुक्ति कर दी। भाजपा पर इस संस्थान में राजनीति से पद प्रभावित करने का आरोप लगा। अब सवाल फिर से उठने लगे हैं कि आखिर ए ग्रेड के संस्थान में बी ग्रेड के कलाकार को पदासीन करना कितना उचित है।

इस तरह के संस्थान को नए पायदान पर आगे ले जाने के लिए आधुनिक और नई सोच की आवश्यकता है। ऐसे में गजेंद्र से विद्यार्थियों को इस तरह की उम्मीद नहीं है। उल्लेखनीय है कि उगते सूरज को ही हर कोई नमस्कार करता है। ऐसे में गजेंद्र को इस संस्थान के उच्च पद पर देखकर विद्यार्थियों के हौंसले पस्त हो गए हैं। विद्यार्थी इस संस्थान की फेकल्टीज़ से अधिक अध्यक्ष के पद को देखकर कुंठित हो गए हैं। उन्हें उनका भविष्य और उम्मीदें मरती हुई नज़र आ रही हैं।

इस संस्थान के अध्यक्ष पद के लिए लोकप्रिय निर्माता निर्देशक राजकुमार हिरानी का नाम आगे बढ़ा था। जिसके बाद विद्यार्थियों की मांग और तेज़ हो गई। विद्यार्थियों के कार्यक्रम, फिल्म इंडस्ट्री के अनुकूल कार्य और किसी रनिंग प्रोजेक्ट में अवसर को लेकर विद्यार्थी आशंकित हैं। संभवतः विद्यार्थियों का मानना रहा है कि यदि फिल्म इंडस्ट्री में बुलंदियां छू रही किसी प्रतिभा को अध्यक्ष पद के लिए चुना जाता तो बाॅलीवुड के रास्ते उनके लिए बेहतर तरीके से खुल गए होते।

मगर अब राजनीतिक खेल का शिकार हो चुके विद्यार्थी अपने साल की बर्बादी को लेकर नेताओं को कोसने में लगे हैं। जहां अध्यक्ष पद पर भाजपा के नेता को पदासीन करने की बात कही जा रही है वहीं विद्यार्थियों से चर्चा करने पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बैरंग लौटना पड़ा। विद्यार्थी विभिन्न दलों की राजनीतिक चाल को समझ गए हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि भूख हड़ताल और पुलिस के धक्कों को सहन कर इस संस्थान में विद्यार्थियों का भविष्य किस तरह से उज्जवल बन सकेगा। 

'लव गडकरी'

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