अख़बार बेचने से 'मिसाइल मैन' बनने तक: एपीजे अब्दुल कलाम की अनूठी कहानी
अख़बार बेचने से 'मिसाइल मैन' बनने तक: एपीजे अब्दुल कलाम की अनूठी कहानी
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नई दिल्ली: 27 जुलाई 2015 को एक ऐसा दिन था, जब पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने इस संसार को अलविदा कह दिया। उनके जीवन के हर पन्ने में युवाओं के लिए किसी न किसी प्रेरणा से भरा था। उनकी कहानी एक साधारण छात्र से लेकर भारत के राष्ट्रपति तक का सफर है, जो न सिर्फ उन्हें बल्कि पूरे विश्व को अपने विचारों से प्रेरित करती है। कलाम साहब की जीवनी शुरू होती है एक छोटे से गांव रामेश्वरम में, जो तमिलनाडु में स्थित है। उनके पिता का नाम जैनुलाबद्दीन था, जो बेहद इमानदार और संवेदनशील व्यक्ति थे। माता का नाम अवुल पकीर जनुलाबद्दीन था, जो एक साधारण गृहिणी थीं। उन्होंने अपने विद्यार्थी और भविष्य के प्रति समर्पित होकर उन्हें बढ़ावा दिया और उन्हें ज्ञान के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

बचपन से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति उनकी रुचि थी। उन्होंने कई समस्याओं का समाधान करने के लिए अपनी जिंदगी समर्पित की और इसीलिए उन्हें 'मिसाइल मैन' के रूप में पुकारा गया। उन्होंने भारतीय मिसाइल विकास और परमाणु विज्ञान में बड़े प्रयास किए, जिससे भारत ने विश्व में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया। उनके योगदान से ही भारत अब एक विज्ञानिक ताकत के रूप में जाना जाता है। उनके विचारधारा और दृढ निश्चय का प्रभाव न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में दिखाई दी। उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया, उन्हें सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया। उनके विचारों ने लाखों लोगों को सफलता के पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया और उन्हें समझाया कि मेहनत और लगन से कुछ भी संभव है।

उनके विदेशी यात्राएँ और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान ने भारत को विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया। उन्होंने सर्वांगीण विकास के लिए काम किया और भारतीय संस्कृति की गरिमा को बढ़ावा दिया। उन्होंने लगातार जनता से संवाद किया और देश के हर वर्ग की समस्याओं को समझने का प्रयास किया। उनके निधन से देश ने एक महान व्यक्तित्व को खो दिया। लेकिन उनकी प्रेरणा, उनके विचार और उनका कार्य आज भी हम सभी के लिए मार्गदर्शक हैं। उन्होंने सिद्ध किया कि इंसान का सबसे बड़ा संसाधन उसकी आत्मविश्वास और मेहनत है। उन्होंने युवा पीढ़ी को समझाया कि उन्हें समस्याओं के सामना करने के लिए डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें उनसे सामना करने की क्षमता है।

एपीजे अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक, राजनेता, शिक्षक, और राष्ट्रवादी थे, जिन्होंने अपने कर्तव्यों को पूरा करके देश के प्रति अपनी प्रेम भावना और सेवाभाव को साबित किया। उनके योगदान ने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाने के लिए एक बड़ा संदेश दिया। उनकी पुण्यतिथि पर हम सभी को उन्हें समर्पित रहकर उनके उत्कृष्ट योगदान को याद करना चाहिए और उनके जीवन के मूल्यों को अपनाना चाहिए।

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