आयुर्वेद विश्वविद्यालय से लेकर पीएम एक्सीलेंस कॉलेज तक... MP कैबिनेट में लिए गए ये अहम फैसले
आयुर्वेद विश्वविद्यालय से लेकर पीएम एक्सीलेंस कॉलेज तक... MP कैबिनेट में लिए गए ये अहम फैसले
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भोपाल: मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल बैठक में बड़े फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने सूबे के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को एक करने का फैसला लिया। इस फैसले से सूबे में अब मेडिकल कॉलेजों एवं चिकित्सालयों की जिम्मेदारी एक ही मंत्री के पास रहेगी। यही नहीं मंत्रिमंडल ने मध्य प्रदेश आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया है। इससे अब आर्युवैदिक विश्वविद्यालय भी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल की पढ़ाई भी करा सकेंगे। मेडिकल के क्षेत्र में जाने वाले युवाओं के लिहाज से इस निर्णय को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मंत्रिमंडल ने प्रत्येक जिले में पीएम एक्सीलेंस कॉलेज खोले जाने के प्रस्ताव को भी अनुमति प्रदान की है। यही नहीं दो सिंचाई परियोजनाओं पर भी मंत्रिमंडल की मुहर लगी है। 

माल एवं सेवाकर संशोधन अध्यादेश 2024 पर मुहर लगाई है। 6 महीने के अंदर विधानसभा में बिल नहीं आने पर मध्य प्रदेश माल एवं सेवा कर अध्यादेश की समय अवधि बढ़ाने को मंत्रिमंडल ने अनुमति दी है। आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया गया है। इससे सूबे में आर्युवेद विश्वविद्यालय नर्सिंग एवं पैरामेडिकल की पढ़ाई करा सकेंगे। आयुर्वेद विश्वविद्यालयों में अब नर्सिंग एवं पैरामेडिकल के पाठ्यक्रम सम्मिलित किए जाएंगे। इससे पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या बढे़गी। कोरोना महामारी के पश्चात् इनकी आवश्यकता बढ़ी है।

नई शिक्षा नीति के आधार पर प्रत्येक जिले में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज खोलने का फैसला भी मंत्रिमंडल ने लिया है। मंत्रिमंडल बैठक में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना को अनुमति दी गई है। पहले से उपस्थित जिले में  कॉलेज की कमियों को दूर कर नई शिक्षा नीति के अंतर्गत जो आवश्यकताएं हैं, उसे पूरा किया जाएगा एवं पीएम एक्सीलेंस कॉलेज का रूप दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ही इसका खर्च उठाएगी। जनजातीय कार्य विभाग के अनुदान प्राप्त अशासकीय शिक्षकों को छठवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।

जल प्रदूषण अधिनियम में संशोधन को अनुमति दी गई है। जल प्रदूषण के छोटे से मामले में अदालत जाना पड़ता है। इसे अफसरों से निराकरण कराने पर सहमति बनी है। प्रस्ताव भारत सरकार को भेजेंगे। तत्पश्चात, आखिरी फैसला होगा। रतलाम जिले में माही जल प्रदाय समूह योजना में मझूड़िया समूह के लिए ड्रिंकिंग वाटर के लिए नल जल योजना को अनुमति दी गई है। इससे आदिवासी परिवारों को शुद्ध जल प्राप्त होगा। इसमें 204 करोड़ की लागत आएगी। साथ ही अशोकनगर के मुंगावली तहसील में मल्हारगढ़ में लिफ्ट इरिगेशन सिंचाई परियोजना को अनुमति दी गई है। इससे 26 ग्रामों में 7500 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। परियोजना की लागत 87 करोड़ रुपए है।

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