रायपुर: हर वर्ष दीपावली के त्यौहार में आग या पटाखों को जलाने में झुलसे लोगों की कई ऐसी खबरें सामने आती है, लेकिन उन झुलसे हुए लोगों की या तो मौत हो जाती है, या फिर उनका चेहरा बुरी तरह से ख़राब हो जाता है. कई बार तो उनकी मौत या शरीर पर पड़े निशान की वजह और कुछ नहीं बल्कि सही उपचार न मिलना होता है. जिसके कारण मौत के मामलों में भी तेजी से वृद्धि हुई है.
हल ही में मिली जानकारी के अनुसार दिवाली मे चिकित्सकों की अनुपलब्धता व मरीजों को होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए कालडा प्लास्टिक कॉस्मेटिक एवं बर्न सेंटर के संचालक तथा प्लास्टिक कॉस्मेटिक सर्जन डा. सुनील कालडा ने दिवाली में पटाखों से झुलसे या जले लोगों के लिए 2 दिन निशुल्क प्राथमिक इलाज़ व सलाह की व्यवस्था पचपेड़ीनाका धमतरी रोड कलर्स माल के पास व जीई रोड राजकुमार कॉलेज के सामने स्थित हॉस्पिटल में की है।
डा. कालडा ने आम जनता से अनुरोध किया है कि दिवाली में पटाखों को लापरवाही से न जलाएं, बल्कि अपनी सुरक्षा के प्रति ध्यान रखने की बात भी कही है, पटाखे चलाते वक़्त पर्याप्त दूरी व सावधानी बरते। पटाखा बनाने मे गंधक, पोटाश, कोयला, कंकड़, सुतली, कपड़े एवं कागज का इस्तेमाल किया जाता है और यदि पटाखे से जल जाते हैं तो जलने के तुरंत बाद जले हुए स्थान पर पानी डाल दें।
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