नई दिल्लीः सासंदी जाने के बावजूद भी सरकारी बंगले पर कब्जा जमाए पूर्व सांसदों पर संसदीय समिति ने कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है। समिति ने सांसदों से तीन दिन में बंगला खाली करने का आदेश दिया है। लोकसभा हाउसिंग कमेटी के चेयरमैन सीआर पाटिल ने कहा कि अगर वह निर्धारित समय के अंदर खाली नहीं करते तो उनका बिजली, पानी और गैस के कनेक्शन काट दिया जाएगा। चेयरमैन पाटिल ने बताया कि सोमवार को समिति की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया।
दरअसल इससे एक दिन पहले ऐसी रिपोर्ट सामने आई थी कि लोकसभा के 200 से ज्यादा पूर्व सांसदों ने अब तक अपने आधिकारिक निवास को खाली नहीं किया है। नियम के अनुसार पूर्व सांसदों को लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर अपना सरकारी आवास खाली करना होता है। उल्लेखनीय है कि दूसरी बार मोदी सरकार के गठन के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की संस्तुति पर 25 मई को 16वीं लोकसभा को भंग कर दिया था।
सूत्रों के अनुसार 200 से अधिक पूर्व सांसदों ने 2014 में आवंटित बंगलों को अब तक खाली नहीं किया है, जिसके कारण नए सांसदों को घर नहीं मिल रहा है। 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त हुए करीब तीन महीने बीत गए मगर 200 से अधिक पूर्व सांसदों ने अब तक लुटियंस में आवंटित बंगलों को खाली नहीं किया। 17वीं लोकसभा में 260 सदस्य ऐसे हैं, जो पहली बार चुने गए हैं। नियमानुसार लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के एक महीने के अंदर पूर्व सांसदों को बंगला खाली करना होता है। कई नये सांसद बंगला खाली नहीं होने के कारण गेस्ट हाउस में ठहरे हुए हैं।
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