52 वर्षों में पहली बार ओलिंपिक जिम्नास्ट में पहुचने वाली पहली खिलाडी दीपा करमाकर को मिल सकता है 'खेल-रत्न'
52 वर्षों में पहली बार ओलिंपिक जिम्नास्ट में पहुचने वाली पहली खिलाडी दीपा करमाकर को मिल सकता है 'खेल-रत्न'
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नई दिल्ली: रियो ओलिंपिक में भारतीय जिम्नास्टिक दीपा करमाकर चौथे स्थान पर रह कर भले ही मैडल से दूर रही, लेकिन उन्होंने देशवासियों का दिल ज़रूर जीत है. इसी के साथ ही दीपा ओलिंपिक में 52 वर्षों में उतरने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट रही. इसी के चलते उन्हें इस साल साल राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाज़ जा सकता है. 

दीपा ने रियो की जिम्नास्टिक्स की इतिहास रचते हुए महिला वॉल्ट स्पर्धा में चौथा स्थान हासिल किया था. दीपा ओलिंपिक में 52 वर्षों में उतरने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट थीं. दीपा ने फाइनल में 15.066 के औसत स्कोर के साथ चौथा स्थान हासिल किया और वे कांस्य पदक से चूक गईं.

23 वर्षीय दीपा की इस उपलब्धि ने उन्हें देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न के लिए प्रबल दावेदार बना दिया है. खेल रत्न, अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार 29 अगस्त को "खेल दिवस" के दिन राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रदान करते हैं. सरकार के खेल रत्न के मामले में दिशा-निर्देश साफ है कि ओलिंपिक वर्ष की विशेष परिस्थितियों में एक से ज्यादा खिलाड़ी को खेल रत्न दिया जा सकता है.

हालाँकि क्रिकेट में भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली की सफलता को देखते हुए उन्हें इस वर्ष खेल रत्न पुरस्कार का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. लेकिन दीपा को भी उनकी विशेष उपलब्धियों को देखते हुए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा सकता है.

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