क्राइम 2015 : अपराधो से गुज़रते साल को नव वर्ष से अलविदा...
क्राइम 2015 : अपराधो से गुज़रते साल को नव वर्ष से अलविदा...
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2015 अलविदा कहने की चौखट पर खड़ा है लेकिन अगर गौर किया जाए तो इस साल दुनियाभर मे ऐसी कई अपराधिक घटनाए हुई है जिन्होंने की हर किसी को दहला दिया. वार्षिक अपराधो के रिकॉर्ड को खंगाला जाए तो अपराधो की फेहरिस्‍त काफी लंबी है. लेकिन मैं आपका हाथ थामकर आपको कुछ ऐसे अपराधो की और लेकर जाना चाहता हु जिसके बारे में स्वप्न में भी नही सोच सकते. अपराधो की सिरफिरस्ति में जब मेने हाथ डाला तो एक अपराध ऐसा मिला की जिसके बारे में जानकर मानवता ने भीतर खुद को झंजोड़ कर रख दिया.

28 दिन की बच्ची से बलात्कार-

अभी तो वह बच्ची थी. इस दुनिया में आए उसे महज 28 दिन ही हुए थे. ठीक से रोना भी नही सीखा की इंसानी दरिंदे ने उसे हवस की गिरफ्त में ले लिया. बच्ची के माता-पिता अपना मुखिया चुनने के लिए पंचायत चुनाव में मतदान करने गए थे इसी बीच गांव के ही नामिनो नाम के युवक ने बच्ची के साथ दुष्कर्म करते हुए घिनोनी हरकत को अंजाम दिया.

विक्षिप्‍त महिला से बलात्‍कार और हत्‍या, शरीर से निकाल लिए अंग-

बलत्कार की फेहरिस्त अब ही ख़त्म भी नही हुई थी की एक और चौकाने वाला मामला फिर से सामने आ गया. इस बार दुष्कर्म का निशाना 28 वर्षीय ऐसी महिला को बनाया गया जो की मानसिक रूप ग्रस्त थी. हवस के शिकारियों ने उस बेबस महिला की आबरू को तार-तार तो किया ही लेकिन जब इतने से भी उनका मन नही भरा तो उसके शरीर से अंगो को भी निकल लिया. एक पल के लिए भी जिस्मानी भूख के वहशी कुत्तो का कलेजा नही पसीजा.

शीना बोरा हत्याकांड-

फरेब की बुनियाद पर खड़ी रिश्तों की यह इमारत हवा के एक मामूली झोंके से ऐसे ज़मींदोज हुई कि अब पूरी दुनिया इसका तमाशा देख रही है. रिश्ते में तो यह पति-पत्नी थे. हाई प्रोफाइल भी थे. दुनिया की किसी चीज़ की कोई कमी नही थी. लेकिन जैसे ही इस घराने के अंधे कत्ल का खुलासा हुआ तो गुनाहो की तपती लौ में रिश्तो की चिंदिया भी बिखरने लगी. यह रिश्तो की ऐसी दरकती दिवार है जिसमे धोखा, झूठ, और फरेबी का एक नाजायज़ रिश्ता है और उस रिश्ते पर पर्दा डालने के लिए की गई हत्या. रिश्ते के इस पेंच को जितना समझो यह परे है लेकिन यह हत्याकांड अपने आप में मुंबई को झंझोड़ देने वाला था.

मुंबई की हाई सोसायटी में हुआ ऑनर किलिंग का ये पहला ऐसा मामला था जब हर दिन मायानगरी की दंग गलियो से एक नया खुलासा होता था. एक मां ने अपनी बेटी को इसलिए मौत के घाट उत्तर दिया की बेटी जिस लड़के से मोहब्बत करती थी वह रिश्तो में उसका शौतेला भाई लगता था. भारत की प्रायवेट चैनलों के दिग्गजों में से एक, पिटर मुखर्जी. जिसने स्टार टीवी को बुलंदियों के शिखर पर ले जाकर खड़ा कर दिया. इस दिग्गज हस्ती की दूसरी पत्नी इन्द्राणी मुखर्जी को अचानक पुलिस ने गिरफ्तार किया इसके बाद इस हत्याकांड की पर्ते खुलती गई और खुलासे होते गए.

अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की गिरफ्तारी-

एक ऐसा अपराधी जिसके गुनाहो ने देश को हिला कर रख दिया. क्राइम जगत का बादशाह और मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को इंडोनेशिया पुलिस ने दबोचा. 55 वर्षीय छोटा राजन अपने गुनाहो पर पर्दा डालने के लिए छुपते-छुपाते ऑस्ट्रेलिया में रह रहा था. पुलिस को इस बात की भनक लगते ही उसे पर्यटन स्थल बाली पहुंचने के बाद गिरफ्तार किया गया. भारत सरकार और सीबीआई के कहने पर बाली पुलिस ने छोटा राजन को गिरफ्तार किया. एक समय था जब छोटा राजन को दाऊद का वफादार कहा जाता था लेकिन बाद में दोनों के बीच बगावत के स्वर उठने लगे और दोनों अलग हो गए. मुंबई में पैदा हुए छोटा राजन पर हत्या और अवैध हथियारों को रखने तथा उनका इस्तेमाल करने सहित कई संगीन अपराधो के आरोप लगे हुए है. जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन को ख़त्म करने के लिए भूखे शेर की तरह उसके पीछे पड़ा है. साल 2000 में उसपर बैंकाक के एक होटल में दाउद के आदमियों ने जानलेवा हमला भी किया था लेकिन होटल की छत से निकालकर भागने में राजन सफल हो गया था.

मुंबई हमलों के दोषी याकूब मेमन को फांसी-

1993 में मुंबई को बम धमाको से थर्राने वाला अपराधी याकूब मेमन को साल के जुलाई में फांसी के तख्ते पर लटकाया गया. याकूब ने अपने गुनाह की माफ़ी मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई लेकिन वहां से उसे कोई राहत नही मिली और शीर्ष अदालत ने उसकी याचिका को ख़ारिज कर दिया. आतंकी मेमन को नागपुर केंद्रीय जेल में फांसी पर लटकाया गया. गुनाहो का यह आरोपी याकूब मुंबई बम धमाको का मुख्य गुनेहगार था और अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम का करीबी सहयोगी था.

उधमपुर आतंकी हमला-

अगस्त महीने में पाकिस्तान की सरजमीं से भारत में दाखिल होने वाले आतंकियों ने उधमपुर जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीमा सुरक्षा बल के एक काफिले को निशाना बनाया. जिसमें सीमा सुरक्षा बल के 2 जवान शहीद हो गए. इस घटना में हमले के आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी नावेद को ज़िंदा पकड़ लिया गया. आतंक की यह घटना ऐसे समय पर हुई जब कुछ ही दिन पहले आतंकवादियों ने पंजाब के दीनानगर पुलिस थाने पर हमला किया था. आतंकी नवेद जिस समय खुद को बचाने के लिए भाग रहा था तब उसे ग्रामीणो ने पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. जिसे भारत के लिए एक खास उपलब्धि बतया जा रहा है.

गुरदासपुर आतंकी हमला-

कहा जाता है की यह एक ऐसा हमला है जो की पंजाब की सरजमी पर 20 साल बाद हुआ. यह हमला जुलाई महीने में हुआ है जब आतंकवादियो ने अपने नापाक इरादो को अंजाम देने के लिए दीनानगर थाने में दस्तक दी. पुलिस और आतंकियो के बीच करीब 11 घंटे तक संघर्ष चला जिसमे की सभी आतंकी ढेर कर दिये गए. लेकिन इस संघर्ष मे एक एसपी, दो होमगार्ड सहित 9 लोग शहीद हो गए. इस घटना से देश की दिवारे चीख उठी.

सीमा पार से भारत मे घुसपैठ-

इस साल हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर आतंकियो ने दाखिल होने का बहुत प्रयास किया गया. हालांकि देखा गया की कुछ मौके ऐसे भी आए जब आतंकियो की यह कोशिश हताशा और दुस्साहस भरी रही. अगर रिपोर्ट पर नज़र डाली जाए तो मालूम पड़ता है की पिछले साल की तुलना मे इस साल आतंकियो की घुसपेठ की कोशिश मे इजाफा हुआ है. इस साल देश मे आतंकियो ने 60 से भी अधिक बार घुसपेठ करने का नापाक प्रयास किया. जबकि पिछले साल यह संख्या 48 थी.

संदीप मीणा 

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