फिच रेटिंग को नोटबंदी के असर को जीडीपी में छुपाने की आशंका
फिच रेटिंग को नोटबंदी के असर को जीडीपी में छुपाने की आशंका
Share:

नई दिल्ली / न्यूयार्क : वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7.1 फीसदी की दर से वृद्धि करेगी. जबकि अगले दो वित्त वर्ष में यह बढ़कर 7.7 फीसदी तक रहेगी. हालांकि अमेरिका की रेटिंग एजेंसी ने अक्तूबर-दिसंबर तिमाही के लिये 7 फीसदी जीडीपी वृद्धि दर को चकित करने वाला बताया है.

बता दें कि इससे पिछली तिमाही में यह 7.4 फीसदी थी. फिच ने कहा, यह आंकड़ा थोड़ा चकित करने वाला है क्योंकि वास्तविक गतिविधियों के बारे में नोटबंदी के बाद जो आंकड़े जारी किये थे, वे खपत तथा सेवा गतिविधियों में गिरावट का संकेत देते हैं.इसका कारण इन गतिविधियों का नकदी से जुड़ा होना है. इसके विपरीत आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2016 की चौथी तिमाही में निजी खपत मजबूत थी (हालांकि सेवा उत्पाद वृद्धि उल्लेखनीय रूप से नरम हुई). एजेंसी को उम्मीद है कि भारत की जीडीपी वृद्धि 2016-17 में 7.1 फीसदी रहेगी जो 2017-18 और 2018-19 दोनों वित्त वर्ष में बढ़कर 7.7 फीसदी तक हो जाएगी

. रेटिंग एजेंसी फिच को इससे यह आशंका बढ़ी है कि वृद्धि के इन आरंभिक अनुमान में नोटबंदी के प्रभाव को कमतर आंका गया हो. ऐसे में आधिकारिक जीडीपी के आंकड़े में बाद में संशोधन की संभावना है. फिच ने कहा, संरचनात्मक सुधार के एजेंडे को धीरे-धीरे आगे बढ़ाने, सरकारी कर्मचारियों के वेतन में करीब 24 फीसदी की वृद्धि के साथ लोगों की खर्च योग्य आय में वृद्धि से उच्च वृद्धि की उम्मीद है. फिच ने कहा कि उसे नीतिगत ब्याज दर मौजूदा 6.25 फीसदी पर बने रहने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें

आचार्य बोले GDP पर दिख सकता है नोटबंदी का असर

JIO की इन्टरनेट स्पीड हुई डबल, ट्राई ने जारी किये आंकड़े

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -