भारतीय बाज़ार को सता रहा ब्याज दर बढ़ने का डर
भारतीय बाज़ार को सता रहा ब्याज दर बढ़ने का डर
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अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने का डर शेयर बाजार को डरा रहा है, मॉनसून की बारिश के सामान्य से कम रहने के अनुमान और फॉरन इंस्टिट्यूशनल सेलिंग से शेयर बाजार की हालत पहले ही खराब है। और अब यदि डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी आई तो इसका भी असर मार्केट पर हो सकता है। शुक्रवार को अमेरिकी बॉन्ड में भी तेजी आई है, इससे कमाई में इजाफा हुआ है। जॉब मार्केट के अच्छे डेटा के बाद वहां सितंबर में ब्याज दर बढ़ने के आसार हैं। इक्विटी स्ट्रैटिजिस्ट्स का कहना है कि ग्लोबल फाइनैंशल मार्केट्स की टेंशन का असर भारतीय स्टॉक और करंसी मार्केट पर भी पड़ सकता है।

मिजुहो बैंक में रिसर्च हेड और चीफ स्ट्रैटिजिस्ट तीर्थंकर पटनायक ने कहा, 'ग्रीस के डिफॉल्ट करने और अमेरिका में अच्छे जॉब डेटा का असर बाजार पर पड़ सकता है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इमर्जिंग देशों की करंसी पर दबाव है। इसका भी मार्केट सेंटिमेंट पर नेगेटिव असर हो सकता है।' ICICI डायरेक्ट के डेरिवेटिव्स हेड अमित गुप्ता ने बताया, 'इस कंसॉलिडेशन फेज में निफ्टी के लिए 8,050 का सपोर्ट अहम है। अगर इंडेक्स इससे नीचे जाता है तो बाजार में बिकवाली और तेज हो सकती है।

अगर ऐसा हुआ तो इंडेक्स 7,800 के करीब चला जाएगा।' अगले कुछ हफ्तों में ट्रेडर्स की नजर मॉनसून पर भी होगी। मॉनसून ने 5 जून को केरल में 4 दिन की देरी से दस्तक दी थी। पिछले हफ्ते ट्रेडर्स ने लॉन्ग पोजिशन घटाई थी, जबकि फॉरन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ने के आसार को देखते हुए डेरिवेटिव मार्केट में पोजिशन ली है। पिछले हफ्ते निफ्टी 200 हर दिन के ओसत से नीचे गया ,जिसे इंपॉर्टेंट टेक्निकल लेवल माना जाता है।

वोलैटिलिटी इंडेक्स भी पिछले हफ्ते 8 पर्सेंट बढ़कर 18 पर पहुंच गया। इस इंडेक्स से शॉर्ट टर्म में मार्केट रिस्क का पता चलता है। वहीं, सेंसेक्स 3 पर्सेंट यानी 1,059 पॉइंट्स की गिरावट के साथ 26,768 पर रहा। पिछले हफ्ते निफ्टी भी 318 पॉइंट्स यानी 3.78 पर्सेंट फिसलकर 8,114 पर बंद हुआ।

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