Retirement Planning: NPS के बारे में रखे जानकारी, मिलता है बेहतर रिटर्न
Retirement Planning: NPS के बारे में रखे जानकारी, मिलता है बेहतर रिटर्न
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आमतौर पर लोगों का मानना है कि यदि आप रिटायरमेंट के लिए बचत करना चाहते हैं तो ऐसी किसी स्कीम या प्रोडक्ट में निवेश करना चाहिए, जो सिर्फ इसी मकसद के लिए हो। परन्तु यह सच नहीं है। आप अन्य तरीकों से भी बचत कर सकते हैं और बाद में इसका प्रयोग रिटायरमेंट का प्लान बनाने में किया जा सकता है। इसके साथ ही इंप्लॉईज प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) जैसे प्रोडक्ट मौजूद होने के चलते लोग रिटायरमेंट प्लान के लिए ऐसी स्कीमों को प्राथमिकता देते हैं। वहीं ये प्रोडक्ट खासतौर पर रिटायरमेंट की जरूरतों को पूरा करने के लिए ही बनाए गए हैं। वहीं इन प्रोडक्ट्स में निवेश करने पर टैक्स छूट का फायदा भी मिलता है। इसलिए इन्हें टैक्स सेविंग भी कहा जाता है। कुल मिलाकर देखें तो रिटायरमेंट के लिए बचत करने का एक बड़ा लालच टैक्स देनदारी कम करना भी होता है। परन्तु ऐसा नहीं है कि यदि आप बैंक में या म्‍युचुअल फंड में रकम जमा करते हैं तो इसका उपयोग रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों के लिए नहीं कर सकते हैं।

इसके साथ ही किसी भी अन्य सेविंग की तरह रिटायरमेंट सेविंग का आकलन भी सुरक्षा, लिक्विडिटी, रिटर्न और टैक्स बचत के आधार पर किया जाना चाहिए।रिटायरमेंट सेविंग को लेकर पारंपरिक या पुरानी सोच के साथ एक और बड़ी समस्या है। यह समस्या जोखिम को ठीक तरह से या बिल्कुल न समझ पाने से जुड़ी है। कुछ लोग किस्मत वाले हैं जिनके पास इनकम का ऐसा सोर्स है जो महंगाई बढ़ने के साथ इनकम बढ़ाता है। जैसे प्रॉपर्टी। वहीं इससे उनको अच्छा रिटर्न मिलता है। बाकी लोग जिनके पास प्रॉपर्टी नहीं है उनको जिंदगी भर महंगाई के असर से निपटने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत होती है।निवेश में सबसे ज्यादा जोखिम कम अवधि में आने वाले उतार-चढ़ाव को लेकर बताया जाता है। वहीं  एनपीएस अनिवार्य पेंशन सिस्टम के साथ-साथ स्वैच्छिक पेंशन सिस्टम के तौर पर काम करता है। केंद्र और राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों के लिए अनिवार्य पेंशन प्रणाली का प्रयोग कर रही हैं।

फिलहाल, यह अफसोस की बात है कि एनपीएस की स्वैच्छिक योजना लोगों में अधिक लोकप्रियता हासिल करने में सफल नहीं हो सकी है। इसके साथ ही बचत करने के इच्छुक बहुत से लोग मुझे ईमेल करते हैं। वहीं इस दौरान मुझे जो जानकारी मिलती है उससे एक बात साफ होती है कि पर्सनल फाइनेंस पर लोगों को सलाह देने वाले और निवेश के लिए प्रोडक्ट बेचने वाले रिटायरमेंट की जरूरतों को पूरा करने के लिए एनपीएस अपनाने की सलाह नहीं दे रहे हैं। इसके अलावा एनपीएस में निवेश से होने वाले फायदे में से एक फायदा यह भी है कि इसमे 50 हजार रुपये तक के निवेश पर टैक्स में छूट मिलती है। फिलहाल किसी अन्य तरह के निवेश में यह छूट उपलब्ध नहीं है। वहीं टैक्स बचत के बाद भी बहुत कम लोग ऐसे हैं, जो एनपीएस को निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प मानते हैं। इसके अलावा, इस प्रोडक्ट के कम बिकने की एक वजह यह है कि एनपीएस को बेचने के भी खास प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। वहीं जो लोग एनपीएस के फायदों के बारे में जानते हैं वे इसका इस्तेमाल उत्साह के साथ कर रहे हैं। 

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