उत्पाद शुल्क से सरकार नियंत्रित कर रही सोने का बाजार!
उत्पाद शुल्क से सरकार नियंत्रित कर रही सोने का बाजार!
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इन दिनों सराफा बाजार में हंगामा मचा हुआ है, दरअसल केंद्र सरकार ने सोने पर उत्पाद शुल्क करीब 1 प्रतिशत बढ़ा दिया है, इससे कारोबारी परेशान हो गए हैं, कारोबारियों का मानना है कि सरकारी नियमों के चलते उनका व्यवसाय ठप्प हो रहा है, मगर यदि उपभोक्ताओं के लिहाज से विचार करें तो उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण हो रहा है हां मगर उत्पाद शुल्क बढ़ाने से सोने का कारोबार महंगा जरूर हो सकता है लेकिन इससे घरेलू बाजार में सोने का बाजार स्थिर कर सरकार भारतीय मुद्रा को डाॅलर की तुलना में बल दे सकती है।

उल्लेखनीय है कि सरकार को विदेशों से सोना आयात करवाना पड़ता है, ऐसे में सरकार को बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा भंडार की जरूरत होती है, यदि यह सोना अधिक मात्रा में भारतीय बाजार में ही फ्लक्चुएट होगा तो सरकार के लिए मुद्रा हेतु सोने का प्रबंधन करना कुछ मुश्किल होगा, हालांकि सरकार ने स्वर्ण मौद्रीकरण योजना व अन्य योजनाओं के माध्यम से सोने के बाजार को स्थिर करने का प्रयास किया है लेकिन सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है, तो व्यापारियों को अपना कारोबार मुश्किल में नज़र आ रहा है।

जिस तरह से 2 लाख रूपए से अधिक के सोने की खरीद पर दुकानदार को पेन कार्ड का उल्लेख करना होगा, ऐसे में दुकानदार खरीदी और बिक्री में किसी तरह का हेरफेर नहीं कर सकेंगे और उनके माल का ब्यौरा भी रहेगा, हालांकि सरकार की मंशा सोने के बाजार को मांग के अनुसार नियंत्रित करने की है लेकिन लग्नसरा, चलन और अन्य कारणों के चलते भारतीय बाजार में ग्राहक सोना खरीदते ही हैं,

मगर दुकानदार स्वयं को होने वाले नुकसान की बात कर एक्साईज़ ड्युटी वापस लेने की मांग पर अड़े हैं इससे सोने का बाजार प्रभावित हो रहा है हालांकि सरकार ने अपनी ओर से प्रदर्शनों पर ध्यान न देकर यह जता दिया है कि सरकार भारतीय बाजार में सोने के फ्लक्चुएशन को नियंत्रित करने में लगी है। 

'लव गडकरी'

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