बिना बाजुओं के भी तीरंदाज शीतल देवी चुनी गई एशिया की सर्वश्रेष्ठ युवा एथलीट
बिना बाजुओं के भी तीरंदाज शीतल देवी चुनी गई एशिया की सर्वश्रेष्ठ युवा एथलीट
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कहते है जहां चाह है वहां राह है और इस बात को बिलकुल सही साबित कर दिया है जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ की रहने वाली शीतल देवी ने। अब आप ये सोच रहे होंगे की कैसे तो हम बता दें कि जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ की रहने वाली शीतल देवी के दोनों हाथ नहीं है इसके बाद भी वह आज देशभर के लिए मिशाल बन चुकी है। शीतल देवी ने चीन के हांगझाऊ में हुए एशियाई पैरा खेलों में दो स्वर्ण सहित तीन मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। वह एक ही संस्करण में दो स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई है।

आखिर कौन है शीतल देवी:- शीतल देवी जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ की निवासी है। महज 16 साल की शीतल ने चीन के हांगझाऊ में हुए एशियाई पैरा खेलों में दो स्वर्ण समेत तीन मेडल जीतकर इतिहास रचते हुए भारत का गौरव बढ़ाया है। वह एक ही संस्करण में दो स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बन चुकी है। बता दें कि जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले एक छोटे से गांव में एक गरीब परिवार में शीतल का जन्म हुआ। शीतल के पिता खेतीवाड़ी का काम करते है, एवं उनकी माँ घर के कामकाज के साथ जानवरों को भी संभालती है।

इस बारें में जानकर आपको भी हैरानी होगी कि एक गरीब परिवार की बेटी होना किसी भी संघर्ष के कम नहीं है लेकिन जन्म के समय से ही शीतल के दोनों हाथ नहीं थे, इतना ही नहीं शीतल को फोकोमेलिया नाम बीमारी थी किसी वजह से ही उनके अंग पूरी तरह से विकसित नहीं हो सके। लेकिन उसे कभी भी इस बात का कोई अफ़सोस नहीं था बल्कि शीतल अपने जीवन में कुछ करना चाहती थी बाजू न होने के बाद भी शीतल के लिए दिव्यांगता अभिशाप नहीं बन पाया। कुछ वर्षों के उपरांत ही शीतल ने तीरंदाजी सीखने का फैसला कर लिया और वह लग गई इस खेल की ट्रेनिंग करने। वैसे तो किसी के लिए भी एक ऊँगली या शरीर का एक अंग ना होने के बाद जीना बहुत ही ज्यादा कठिन हो जाता है लेकिन शीतल के साथ ऐसा नहीं था वह बिना बाजु के भी अपना जीवन और अपनी ट्रेनिंग बड़ी ही लगन और कुशलता के साथ करती थी। शीतल सिर्फ छाती के सहारे दाँतों और पैर से तीरंदाजी का अभ्यास करती थी। आखिरकार वो दिन भी आ ही गया जब शीतल भारत का नाम रोशन करते हुए अपने माता-पिता का सिर भी गर्व के साथ ऊँचा कर सकी।

वहीं बीते दिनों खबर आई थी कि जम्मू कश्मीर की होनहार बेटी से पीएम मोदी ने मुलाकात की तो वहीं आशीर्वाद देते पीएम मोदी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस बेटी ने देश का मान तो बढ़ाया ही है, साथ ही कई दिग्गज लोगों को प्रभावित भी किया। इसके पहले एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली इस महिला खिलाड़ी की तारीफ आनंद महिंद्रा ने भी की थी। आनंद महिंद्रा ने कहा था कि पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप में शीतल ने दो गोल्ड और एक सिल्वर अपने नाम किया। उनके शानदार प्रदर्शन को देख आनंद महिंद्रा ने शीतल से अपनी कंपनी की कोई भी मनचाही कार लेने की पेशकश की। शीतल के लिए एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, मैं अपने जीवन की छोटी मोटी समस्याओं पर शिकायत नहीं करूंगा। शीतल आप सभी के लिए एक शिक्षक हैं। कृपया हमारी रेंज में से कोई भी कार अपने लिए चुनें और हम इसे आपकी सुविधा के अनुसार कस्टमाइज कर आपको तोहफे में देंगे।' वहीं हाल ही में तीरंदाज स्टार शीतल देवी को सऊदी अरब में आयोजित एक समारोह में एशिया की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के तौर पर एशियन पैरालंपिक कमेटी द्वारा ट्रॉफी के साथ सम्मानित किया गया। हमें नाज है कि शीतल ने भारत देश का नाम रोशन किया और कई लोगों के लिए प्रेरणा बन कर उभरी हैं।।

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