विश्व एथलेटिक्स : घिब्रेसलैसी ने इरिट्रिया को दिलाया ऐतिहासिक स्वर्ण
विश्व एथलेटिक्स : घिब्रेसलैसी ने इरिट्रिया को दिलाया ऐतिहासिक स्वर्ण
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बीजिंग: इरिट्रिया के 19 साल के धावक घिरमे घिब्रेसलैसी ने शनिवार को यहां शानदार प्रदर्शन करते हुए विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की पुरुषों की मैराथन दौड़ का स्वर्ण पदक जीत लिया। 14 नवम्बर, 1995 को जन्मे घिब्रेसलैसी ने 42.195 किलोमीटर की यह रेस दो घंटे 12.28 मिनट में पूरी कर बीजिंग में अपने देश का खाता खोला। यह विश्व चैम्पियनशिप में इरिट्रिया का पहला स्वर्ण है। इथियोपिया के येमन सेगे ने दो घंटे 13.08 मिनट के साथ रजत जीता जबकि युगांडा के मुन्यो सोलोमन मुताई ने दो घंटे 13.30 मिनट के साथ कांस्य जीता। मास्को विश्व चैम्पियनशिप में पहला स्थान हासिल करने वाले घिब्रेसलैसी के हमवतन स्टीफन किपरोटिच इस बार (2 घंटे 14.43 मिनट) समय के साथ छठे स्थान पर रहे।

इसी तरह मास्को में रजत जीतने वाले लेलिला डेसिसा अपना प्रदर्शन दोहरा नहीं सके और उन्हें सातवें स्थान से संतोष करना पड़ा। डेसिसा ने 2 घंटे 14.54 मिनट में रेस पूरी की। इटली के रुगेरो पर्टाइल ने 2 घंटे 14.23 मिनट के साथ चौथा स्थान हासिल किया जबकि बहरीन के शुमी डेकहासा दो मिनट 14.43 मिनट के सात पांचवें स्थान पर रहे। रुगेरो ने इस सत्र का अपना सबसे अच्छा समय निकाला। घिब्रेसलैसी ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद खुशी जाहिर की और कहा कि उन्हें इस जीत पर गर्व है। घिब्रेसलैसी ने अपनी जीत पर खुशी जताते हुए कहा, "मैं नहीं बता सकता कि मुझे कैसा महसूस हो रहा है। मैं बहुत खुश हूं और मुझे अपनी जीत पर गर्व है। यह मेरे देश के इतिहास की खास उपलब्धियों में से है।"

तापमान 28 डिग्री से अधिक होने के बावजूद अपने लक्ष्य को पार करने वाले घिब्रेसलैसी ने कहा, "मैं बचपन में इसी तरह के वातावरण में रहता आया हूं, इसीलिए मुझे इसके लिए खास तैयारियां नहीं करनी पड़ी।" घिब्रेसलैसी ने बताया कि शुरुआत में उन्हें परिवार वालों से भी खास समर्थन नहीं मिला, यहां तक कि उनके कोच भी उन्हें प्रतिभाशाली नहीं समझते थे। उन्होंने कहा, "मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं अपनी पढ़ाई पूरी करूं, लेकिन मैं एक महान एथलीट बनना चाहता था। शुरुआत में मेरे कोच भी मुझे प्रतिभाशाली नहीं मानते थे, लेकिन 11 वर्ष की अवस्था से मुझे मेरी क्षमताओं का आभास हुआ।"

घिब्रेसलैसी से पहले 2009 के विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 10 हजार मीटर स्पर्धा में रजत पदक जीता था, जो 1993 में स्वतंत्र हुए छोटे से देश इरिट्रिया के लिए पहला और अब तक का सबसे बड़ा पदक था। अब घिब्रेसलैसी उस पदक को पार करके राष्ट्रीय हीरो बन गए हैं और अब उन्हें रियो ओलंपिक खेलों का इंतजार है। उनके अनुसार यह हर किसी के लिए उनके सपनों की जगह है।

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