1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन, जानिए किन वस्तुओं पर होगी पाबंदी
1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन, जानिए किन वस्तुओं पर होगी पाबंदी
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अगर आप गर्मी के दिनों में 10 रुपये खर्च कर फ्रूटी, माजा, रियल या कोई और जूस ड्रिंक पीते हैं तो अब आने वाले दिनों में यह दुकानों में दिखना बंद होने वाला है। जी हाँ, या फिर हो सकता है इनके दाम बढ़ जाएं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि देशभर में एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगने जा रहा है। आप सभी को बता दें कि अब तक हम जो प्लास्टिक की चम्मच, कटोरी, कप और गिलास से लेकर स्ट्रॉ तक इस्तेमाल करते हैं, इन सभी पर बैन लग जाएगा। जी हाँ और ऐसे में सॉफ्ट ड्रिंक बनाने वाली कंपनियों को 10 रुपये वाले पैक की कीमत बढ़ने या इसे बंद करने की चिंता सताने लगी है। आप तो जानते ही होंगे देश में कई सॉफ्ट और जूस ड्रिंक कंपनियां महज 10 रुपये की कीमत में ट्रेटा पैक बेचती हैं और इनके साथ लोगों को जूस पीने के लिए एक स्ट्रॉ भी दी जाती हैं। हालाँकि अब स्ट्रॉ सहित सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगने जा रहा है।

ऐसे में कंपनियों के सामने इसका कोई उपयुक्त विकल्प नहीं हैं। एक विकल्प पेपर स्ट्रॉ का है, लेकिन भारत में इसका बड़े पैमाने पर इसका निर्माण नहीं होता है। इस वजह से भी कंपनियों को दिक्कत आ रही है। वहीं दूसरी तरफ कंपनियों की परेशानी एक वजह ये भी है कि अगर वे पेपर स्ट्रॉ इंडोनेशिया, चीन और मलेशिया से आयात करती हैं तो इससे उनकी लागत बढ़ जाएगी। इस चक्कर में कंपनियों को डर सता रहा है कि इन ट्रेटा पैक की कीमत को 10 रुपये से ज्यादा बढ़ाना होगा या फिर इस पैक को बंद करना होगा। जी दरअसल कंपनियों का तर्क है कि अगर वह पेपर स्ट्रॉ को आयात करती हैं, तो उनकी लागत 278 फीसदी तक बढ़ जाएगी।

जबकि स्टार्च से बनने वाली कंपोस्टेबल स्ट्रॉ लाने पर लागत 259 फीसदी तक बढ़ जाएगी। आप सभी को बता दें कि कुछ कंपनियों ने सरकार से इस बैन को 6 महीने आगे खिसकाने की मांग की है। जी दरअसल उनका कहना है कि एफएमसीजी इंडस्ट्री के व्यापार पर प्लास्टिक बैन गलत असर डालेगा। फिर हम सरकार की तरफ से प्लास्टिक स्ट्रॉ के इस्तेमाल पर बैन लगाने को लेकर समर्थन में है। ऐसे में इसको फिलहाल टालने से पैकेजिंग कंपनियों को घरेलू स्तर पर पेपर स्ट्रॉ बनाने के लिए उपयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में मदद मिलेगी। हालाँकि एक अनुमान के मुताबिक अभी देश की नामी कंपनियां मिलकर हर साल देश में प्लास्टिक स्ट्रॉ वाले छह अरब जूस बॉक्स बेचती हैं। कंपनियों की जूस सेल का करीब 60 प्रतिशत इन्हीं छोटे पैकेट की सेल से आती है।

किन वस्तुओं पर होगी पाबंदी- एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है। जी हाँ और ये प्लास्टिक उत्पाद लंबे समय तक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। इस नुकसान को देखते हुए अगस्त 2021 में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने इस पर रोक को लेकर अधिसूचना जारी की थी। जी हाँ और इसमें एक जुलाई से इस तरह के तमाम आइटमों पर पाबंदी लगाने को कहा गया था। इसी क्रम में सीपीसीबी की ओर से सभी संबंधित पक्षों के लिए नोटिस जारी किया गया है। जी दरअसल इसमें कहा गया है कि 30 जून तक इन वस्तुओं पर पाबंदी की सारी तैयारी पूरी कर ली जानी चाहिए।

आपको बता दें कि एक जुलाई से प्लास्टिक स्टिक वाले ईयरबड, गुब्बारे में लगने वाले प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट में काम आने वाले थर्माकोल आदि शामिल हैं। इसके साथ ही प्लास्टिक कप, प्लेट, गिलास, कांटा, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे जैसी कटलरी आइटम, मिठाई के डिब्बों पर लगाई जाने वाली प्लास्टिक, प्लास्टिक के निमंत्रण पत्र, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पीवीसी बैनर आदि शामिल हैं। इसी के साथ सीपीसीबी के नोटिस में इसका उल्लंघन करने वालों को कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। जी दरअसल इसमें उत्पादों को सीज करना, पर्यावरण क्षति को लेकर जुर्माना लगाना, इनके उत्पादन से जड़े उद्योग को बंद करना जैसी कार्रवाई शामिल है। वहीँ दूसरी तरफ पर्यावरण जानकारों का कहना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक न तो आसानी से नष्ट होता है, न ही रिसाइकिल होता है। केवल यही नहीं बल्कि दूसरा इस प्लास्टिक के नैनो कण घुलकर पानी और भूमि को प्रदूषित करते हैं।

तीसरा यह जलीय जीवों को तो नुकसान पहुंचाते ही हैं, साथ ही नाले चोक होने का भी कारण हैं। इसके अलावा सीपीसीबी ने सभी उत्पादों, स्टॉकिस्ट, दुकानदारों, ई-कॉमर्स कंपनियों, स्ट्रीट वेंडर, मॉल, मार्केट, शॉपिंग सेंटर, सिनेमा हॉल, टूरिस्ट लोकेशन, स्कूल, कॉलेज, ऑफिस कॉम्प्लेक्स, अस्पताल व अन्य संस्थानों व आम लोगों को इन आइटमों के उत्पादन, वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने की बात कही है। जी दरअसल इनसे कहा गया कि वे 30 जून तक अपना स्टॉक खत्म करना सुनिश्चित करें ताकि एक जुलाई से पूरी तरह से पाबंदी को लागू किया जा सके। पर्यावरण मंत्रालय ने अगस्त 2021 में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर बैन लगाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। इसके बाद देश में 1 जुलाई 2022 से सभी सिंगल यूज प्लास्टिक बैन हो जाएंगी।

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