भोपाल/ब्यूरो। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अंग्रेजी के विरोधी नहीं है। लेकिन राष्ट्रभाषा के प्रति जागरुकता जरूरी है। आज यह मानसिकता गलत है कि अंग्रेजी के बिना काम नहीं हो सकता है।
मैंने कई मेडिकल कॉलेज के बच्चों को सिर्फ इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते देखा है क्योंकि उसकी अंग्रेजी अच्छी नहीं है। यह एक सामाजिक क्रांति है कुछ भी असंभव नहीं है। जब मैंने घोषणा की थी कि तो कुछ लोग मुह पीछे कर के हंस रहे थे लेकिन अब हमने कर के दिखा दिया है।
रूस, जापान, जमर्नी और चाइना में अंग्रेजी को कोई नहीं पूछता
सीएम ने कहा कि रूस, जापान, जमर्नी और चाइना जैसे देशों में कौन अंग्रेजी को पूछता है? हम ही गुलाम हो गए है। सीएम मजाकिया अंदाज में कहा – दवाई के नाम हिंदी में क्यों नहीं लिखे जा सकते, ऊपर श्री हरि लिखो और नीचे दवाइयों का नाम लिखो जब हिंदी भाषा(Hindi language) घर घर पहुंचेगी, तब अंग्रेजी की चुड़ैल उतरेगी।
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