इंजीनियर, कबड्डी प्लेयर और सिंगर आपस में करते थे कबूतरबाजी, पुलिस ने किया गिरफ्तार
इंजीनियर, कबड्डी प्लेयर और सिंगर आपस में करते थे कबूतरबाजी, पुलिस ने किया गिरफ्तार
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 नई दिल्ली: एयरपोर्ट पुलिस ने एक स्टेट लेबल कबड्डी प्लेयर समेत 3 लोगों को कबूतरबाजी के इल्जाम में हिरासत में लिया जा चुका है. पुलिस के मुताबिक यह लोग जाली वीजा पर लोगों को विदेश भेजने का झांसा देते थे और उनसे मोटी रकम भी वसूलने लगे थे. पकड़ में आए लोगों में अमित कुमार नाम का एक अपराधी भी है, जो स्टेट लेवल कबड्डी खिलाड़ी है. जिसके साथ साथ योगेश कुमार डिस्क जॉकी और सिंगर है, वरुण चौहान मर्चेंट नेवी में कार्य कर चुका है. 

5 जुलाई को इमिग्रेशन ऑफिसर ने इंदिरा गांधी  इंटरनेशनल एयरपोर्ट के थाने में शिकायत दी कि अमन कुमार नाम के एक यात्री के दस्तावेज की जांच की गई तो उसका वीजा जाली निकला है. इस शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज कर ली और कार्रवाई शुरू की.  पूछताछ के बीच अमन ने पुलिस को कहा है कि उसे यह कनाडा का जाली वीजा पानीपत के रहने वाले अमित और योगेश नाम के शख्स ने 20 लाख रुपये में दिलवाया था. जिसके उपरांत इस पूरे गैंग का भंडाफोड़ करने के लिए एक टीम बनाई गई. टेक्निकल सर्विलांस और मुखबिर से मिली सूचना के उपरांत पुलिस टीम ने पहले अमित फिर योगेश को हिरासत में लिया जा चुका है. 

इनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने वरुण चौहान नाम के शख्स को भी हिरासत में लिया गया. पुलिस के मुताबिक अमित और योगेश को जब कोई यात्री विदेश जाने के लिए मिलता तो वो तुरंत उसे वरुण के पास भेजा करते थे. अमित और योगेश एजेंट की तरह से कार्य कर रहे थे. फेक वीजा वरुण लगाता था और वो इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड है.  पुलिस ने वरुण चौहान को 18 अगस्त को कोलकाता एयरपोर्ट से उस समय गिरफ्तार किया जब वह थाईलैंड भागने वाला था. वरुण चौहान आईटी ग्रेजुएट है और मर्चेंट नेवी में काम कर चुका है. जहां इस बारें में पुलिस ने बताया कि जाली दस्तावेज बनाने में वरुण को महारत प्राप्त कर ली. यह इतना शातिर है कि अगर कोई शख्स सीधे जॉब की बात करता तो ये कुछ कंपनियों की वेबसाइट हैक करके जॉब के लिए सीधे अप्लाई कर दिया करता था. इस  केस में एक आरोपी कुणाल कुमार शाह की भी तलाश की जा रही है. आरोपियों के पास से बरामद लैपटॉप और मोबाइल को FSL में कार्रवाई के लिए भेज दिया है. 

DCP एअरपोर्ट तनु शर्मा के मुताबिक सभी एजेंट हरियाणा और पंजाब में अपने समकक्षों के साथ धोखाधड़ी से प्राप्त कनाडा का वीजा देने में शामिल हो चुके है.  पंजाब और हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे थे और लोगों को अनुचित तरीकों से विदेशों में बसने में सुविधा प्रदान करते थे.

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