नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में पहली गिरफ्तारी के रूप में शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एलआईसी एजेंट आनंद चौहान को किया. अधिकारियों के अनुसार इस मामले में चौहान द्वारा पुलिस से सहयोग नहीं करने पर उसे मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया गया. दिल्ली लाकर उसे दिल्ली की मनी लांड्रिंग की विशेष अदालत में पेश किया जहां से उसे चार दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया. एलआईसी एजेंट आनंद चौहान इस मामले में महत्वपूर्ण व्यक्ति है.
ईडी और सीबीआई दोनों ने पाया था कि चौहान ही वह व्यक्ति है जिसने कथित रूप से जीवन बीमा पॉलिसी में सीएम की अवैध धनराशि का बीमा किया था. ईडी ने इस बारे में चौहान से कई बार पूछताछ की थी. एजेंसी ने इसी साल पहले वीरभद्र के खिलाफ 8 करोड़ की संपत्ति भी कुर्क की थी. सितंबर 2015 में सीबीआई की शिकायत पर ईडी ने एक मामला दर्ज किया था, जिसमें दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में तलाशियां ली थी.
एजेंसी का आरोप है कि 2009-11 के दौरान वीरभद्र सिंह नई केंद्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए कथित रूप से 6.1 रुपए की संपत्ति जमा कर ली जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है. सीबीआई को संदेह है कि सिंह ने अपने और अपने परिवार के नाम से चौहान के मार्फत जीवन बीमा पॉलिसियों में कथित रूप से 6.1 करोड़ रुपए निवेश किये और इन्हे कृषि आय में दर्शाया. आरोप है कि सिंह ने 2012 में संशोधित आयकर रिटर्न फ़ाइल कर उसे कृषि आय बताकर वैध बताने की कोशिश की.