नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बीजेपी और कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों से चुनावी बांड मिलने की जानकारी दी गई है. जंहा चुनावी बांड दाखिल करने की विस्तृत रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में मिली है. चुनाव आयोग ने बीते बुधवार यानी 5 फरवरी 2020 को हलफनामा दायर करके सर्वोच्च अदालत को बताया कि पिछले साल 12 अप्रैल को दिए उनके दिशा-निर्देशों के अनुसार ही राजनीतिक दलों ने उन्हें मिले चुनावी बांडों का ब्योरा सीलबंद लिफाफों में सौंपा है.
मिली जानकारी के मुताबिक आयोग ने हलफनामे में कहा कि राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय राष्ट्रीय दलों और राज्यों के दलों से लेकर गैर पंजीकृत राजनीतिक दलों समेत कुल 105 दलों ने भी उन्हें मिले चुनावी चंदे वाले चुनावी बांडों का ब्योरा दिया है. जंहा चुनाव आयोग ने चुनावी चंदे के इन बांडों का ब्योरा सुप्रीम कोर्ट को एक एनजीओ की याचिका के जवाब में दिया है. वहीं याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार की चुनावी बांड परियोजना, 2018 को बंद करने की अपील की थी.
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार ने अपनी इस योजना में चुनावी चंदे को पारदर्शी बनाने के लिए कुछ नियम बनाए थे. इसके तहत एक भारतीय नागरिक ही चुनावी बांड खरीद सकता है. लेकिन एक व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से तो यह बांड खरीद ही सकता है, वह संयुक्त रूप से भी इन बांड को खरीद सकता है. इन बांडों का नकदीकरण एक अधिकृत बैंक से ही होगा. शीर्ष अदालत ने पिछले साल अप्रैल में केंद्र सरकार की इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम, 2018 पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और यह स्पष्ट कर दिया था कि यह याचिका पर गहन सुनवाई करेगी क्योंकि केंद्र और चुनाव आयोग ने देश में चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता पर असर डालने वाले ठोस मुद्दों को उठाया है.
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