राहुल गांधी के ख़ास सहयोगी अलंकार सवाई पर ED का शिकंजा, मनी लॉन्डरिंग से जुड़ा है मामला
राहुल गांधी के ख़ास सहयोगी अलंकार सवाई पर ED का शिकंजा, मनी लॉन्डरिंग से जुड़ा है मामला
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नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी सहयोगी अलंकार सवाई से पूछताछ की और उनका बयान रिकॉर्ड किया. अधिकारियों ने जानकारी दी है कि सवाई से पूछताछ की गई और इस हफ्ते की शुरुआत में तीन दिन अहमदाबाद में साकेत गोखले से रुबरु कराया गया. बता दें कि, अलंकार सवाई पेशे से पूर्व बैंकर थे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, राहुल गांधी के खास सहयोगी माने जाते हैं और कहा जाता है कि सवाई उनकी (राहुल की) रिसर्च टीम की अगुवाई करते हैं.

ED ने 35 वर्षीय साकेत गोखले को 25 जनवरी को अरेस्ट करने के बाद सवाई को तलब किया था, जब वह क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए धन एकत्रित करने में कथित वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में गुजरात पुलिस की हिरासत में थे. ED ने उस दिन गोखले की रिमांड मांगते हुए अहमदाबाद की एक कोर्ट को सूचित किया था कि जब उनसे उनके बैंक अकाउंट में एक साल में नकद में जमा कराए गए 23.54 लाख रुपये के सम्बन्ध में पूछा गया था, तो गोखले ने एजेंसी को जानकारी दी थी कि यह राशि सोशल मीडिया कार्य और अन्य परामर्श के लिए कांग्रेस के अलंकार सवाई द्वारा कैश के रूप में दी गई. यह पूछे जाने पर कि सवाई ने उन्हें कैश में भुगतान क्यों किया, गोखले ने कहा कि सिर्फ सवाई ही इस सवाल का जवाब दे सकते हैं.

ED ने कहा कि, सोशल मीडिया के कार्य के सिलसिले में अलंकार सवाई के साथ किसी भी लिखित समझौते के संबंध में सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि यह अलंकार सवाई के साथ सिर्फ मौखिक समझौता था. ED ने आरोप लगाते हुए कहा था कि ये नकद जमा गोखले ने तब प्राप्त किए थे जब वह तृणमूल कांग्रेस (TMC) के मेंबर थे. अलंकार सवाई से इन मामलों के बारे में पूछताछ की गई और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत उनका बयान रिकॉर्ड किया गया.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि दोनों से पूछताछ और आमना-सामना करने से उन्हें फंड के निशान का पता लगाने में सहायता नहीं मिली, जैसा कि गोखले ने कहा था, यहां तक ​​कि सवाई ने कथित तौर पर किसी भी नकद भुगतान से इंकार किया था. गोखले के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस गुजरात पुलिस की FIR से निकला है. राज्य पुलिस ने गोखले को दिसंबर 2022 में क्राउड फंडिंग के माध्यम से जमा धन के कथित दुरूपयोग के मामले में दिल्ली से अरेस्ट किया था.

ED ने अहमदाबाद की कोर्ट को सूचित किया था कि क्राउड फंडिंग (गोखले द्वारा) के जरिए एकत्र की गई बड़ी राशि को सट्टा शेयर ट्रेडिंग, वाइनिंग और डाइनिंग और अन्य व्यक्तिगत जरूरतों पर खर्च किया गया है, जो प्रकृति में असाधारण प्रतीत होता है.' गोखले ने हालांकि इस बात से इनकार कर दिया था कि उन्होंने इन पैसों का दुरूपयोग किया है. एजेंसी मामले से जुड़े और लोगों से पूछताछ कर सकती है.

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