कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी।
सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-ज़माँ हमारा।
आज जहां पूरे विश्व में आंतक का एक बड़ा नाम बनकर सामने आया आईएसआईएस का नेटवर्क अब अपने इरादों को पूरा करने के लिए भारत की ओर देख रहा है। लेकिन सीरिया और भारत को एक रुप में देखना उसकी भूल है क्योंकि सीरिया में एक निरंकुश तानाशाह की तरह काम करती बशर अल असद की सरकार से उपजे असंतोष को आईएसआईएस ने अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया और वो इसमें सफल भी हुए है।
लेकिन भारत में ऐसा नहीं है क्योंकि भारत एक लोकतंत्रीय प्रणाली के अनुसार चलने वाला देश है। अगर यहां असंतोष हो भी तो चुनाव के माध्यम से सरकार को हटाया जा सकता है। जन्म से लेकर आजादी के 68 साल होने तक भारत आंतकवाद झेलता आ रहा है। भारत जानता है, कि आंतकवाद से कैसे निपटा जा सकता है।
आईएसआईएस को इन बातों को नजरअंदाज करने की भूल नहीं करना चाहिए। आईएसआईएस पाकिस्तान की मदद से भारत में आंतक की वारदात करने में कामयाब तो हो सकता है लेकिन यहां अपनी जड़े जमाना उसके लिए दिन में केवल सपने देखने जैसा है। क्योंकि भारत की जनता ये जानती है कि क्या सही और क्या गलत है। पूराने मुद्दो के बारे में बात उठाकर भारत की जनता को बहकाया नहीं जा सकता है।
भारत हमेशा से तैयार रहा है, की आतंकवाद से कैसे लड़ा जाए और आतंकवाद को भारत खत्म करने की कोशिश करने में किसी भी हद जा सकता है। भारत इसके लिए विश्व समुदाय को विश्वास दिलाने में कामयाब हुआ है कि किसी एक देश पर आतंकवादी कार्यवाही होती है, तो आतंकवाद पूरे विश्व के लिए एक संकट के रुप में सामने आता है।
उस देश की सरहद को कोई छू नहीं सकता
जिस देश की सरहद की निगेहबान है आंखे