विजय माल्या की मुसीबतें बढ़ी, मनी लांडरिंग का केस दर्ज
विजय माल्या की मुसीबतें बढ़ी, मनी लांडरिंग का केस दर्ज
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बेंगलुरु/मुंबई : शराब कारोबारी विजय माल्या के लिए सोमवार का दिन बेहद ख़राब रहा. इस दिन उन्हें दोहरे झटकों का सामना करना पड़ा. ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) ने जहां कारोबार से हटने पर उन्हें डियाजियो से मिलने वाली 7.5 करोड़ डॉलर या 515 करोड़ रुपये की राशि की निकासी पर रोक लगा दी वहीं दूसरी ओर, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक कर्ज के अन्य मामले में उनके खिलाफ मनी लांडरिंग (काले धन को वैध बनाना) का मामला दर्ज किया है. यह मामला IDBI बैंक से लिये गये 900 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज के न चुकाने के मामले से जुड़ा है.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल में ही मनी लांड्रिंग रोधी कानून (PMLA) के तहत आरोप तय किये हैं. यह आरोप केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा पिछले साल दर्ज FIR के आधार पर तय किए गए हैं.

वहीं दूसरी ओर, DRT के जज बेनाकनाहल्ली ने डियाजियो और यूनाइटेड स्पिरिट पर 7.5 करोड़ डालर की राशि माल्या को देने से अस्थायी रूप से रोक लगा दी है.

DRT ने आदेश में कहा है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा 2013 में दायर मूल अपील के निपटान तक राशि माल्या नहीं ले सकेंगे. SBI की याचिका को स्वीकार करते हुए DRT ने डियाजियो पर माल्या को यह राशि दिये जाने पर रोक लगा दी है. इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 28 मार्च तय की गई है.

आप को बता दें कि SBI ने डियाजियो से माल्या को मिलने वाले 7.5 करोड़ डालर पर ऋणदाताओं के पहले अधिकार को लेकर DRT से हस्तक्षेप की अपील की थी. एक समझौते के तहत माल्या देश की प्रमुख शराब कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट के चेयरमैन पद से हटने को तैयार हो गए और इसी के तहत उन्हें यूनाइटेड स्पिरिट की नई मालिक डियाजियो से यह रकम मिलनी है. पिछले महीने हुए इस करार के तहत माल्या लंदन में बसने वाले हैं.

इस मामले में SBI ने 3 आवेदन दायर किए हैं. इनमें एक माल्या को गिरफ्तार करने और उनके पासपोर्ट को जब्त करने संबंधी है. इसके अलावा SBI ने ऋण में चूक के लिए माल्या पर कार्रवाई के लिए भी DRT से अपील की है. इस तीनों आवेदनों पर 28 मार्च को सुनवाई होगी.

इस आदेश से कुछ घंटे पहले ही माल्या ने कहा था कि वह बैंकों के साथ किंगफिशर एयरलाइंस पर बकाया ऋण के एकबारगी निपटान के लिए बातचीत कर रहे हैं. माल्या ने कहा कि उनका अपने ऋणदाताओं से बचकर भागने का कोई इरादा नहीं है.

SBI की अगुवाई में 17 बैंकों के गठजोड़ ने ठप पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस को ऋण दिया था. इन बैंकों को एयरलाइंस ने 7,800 करोड़ रुपये की वसूली करनी है. SBI को एयरलाइंस से 1,600 करोड़ रुपये वसूलने है. आप को बता दें कि जनवरी, 2012 से एयरलाइंस ने ऋण के लिए कोई भुगतान नहीं किया है.

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