नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 22 आरोपियों के खिलाफ पंचकूला इंडस्ट्रियल प्लॉट अलॉटमेंट स्कैम में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया है. आरोप है कि 2013 में तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के परिचितों को 30.34 करोड़ रुपये में 14 औद्योगिक भूखंडों को गलत तरीके से आवंटित किया गया था.
इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और 21 अन्य के विरुद्ध पंचकूला भूमि घोटाला मामले में चार्जशीट दाखिल की है. चार्जशीट में चार रिटायर IAS अधिकारी शामिल हैं. ईडी ने हरियाणा सतर्कता ब्यूरो द्वारा दर्ज एक FIR के आधार पर 2015 में जांच आरंभ की थी. FIR को बाद में 2016 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में स्थानांतरित कर दिया गया. CBI ने 120-B, 201, 204, 409, 420, 467, 468, 471, 13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था.
जांच में पता चला है कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) के पदेन अध्यक्ष रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा और चार रिटायर IAS अधिकारियों ने अवैध तरीके से भूखंडों का आवंटन किया था. इन चार रिटायर अफसरों का नाम हैं, धर्मपाल सिंह नागल (पूर्व मुख्य प्रशासक, HUDA), सुरजीत सिंह (पूर्व प्रशासक, HUDA), सुभाष चंद्र कंसल (HUDA के पूर्व मुख्य वित्त नियंत्रक) और नरेंद्र सिंह सोलंकी (HUDA के फरीदाबाद के पूर्व जोनल प्रशासक).
टीवीएस मोटर कंपनी ने संयुक्त अरब अमीरात में उपस्थिति को किया मजबूत
तीन दिन गिरने के बाद आज फिर बढ़े सोना वायदा के दाम, चांदी भी चमकी