आर्थिक संकट से 90 यूनानियों ने छोड़ा देश
आर्थिक संकट से 90 यूनानियों ने छोड़ा देश
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एथेंस। अर्थव्यवस्था बिगड़ने के चलते गत कुछ वर्षो में देश छोड़ने का यूनानियों में चलन बढ़ गया है. सालभर में तक़रीबन 90 हजार लोगों ने अपने बेहतर भविष्य की आस लिए देश देश छोड़ दिया है। यह आंकड़ा ग्रीस की कुल आबादी का एक प्रतिशत है। वही दूसरी ओर, ग्रीस को दिवालिया होने से बचाने के लिए फ्रांस और इटली हाथ आगे बढ़ाए हैं.

दोनों देशों ने उसके सुधार प्रस्तावों की सराहना की है. इससे उसके यूरो जोन में बने रहने की उम्मीदें बढ़ गई है. सुधार प्रस्ताव पर शनिवार को ब्रसेल्स में यूरो जोन के सदस्य देशों के वित्त मंत्री इस बारे में बात करेंगे. उससे पहले यूरोपीय संघ, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और यूरोपियन सेंट्रल बैंक के प्रमुख भी नए सुझावों का अध्ययन पर गौर करेंगे. हालांकि अंतिम फैसला यूरोपीय संघ के सम्मेलन में रविवार को होगा.

जन्म कम, मौतें अधिक-

यूरोपीय देशों की आंकड़े जुटाने वाली संस्था यूरोस्टेट के अनुसार लगातार चौथे साल ग्रीस में जन्म से अधिक मृत्यु की दर रही. पिछले साल 92 हजार बच्चे पैदा हुए. पिछले एक दशक में यह सबसे कम है. संस्था के अनुसार 2014 में 91,237 ग्रीस वासी देश छोड़कर चले गए. यूरोस्टेट के मुताबिक बढ़ते चलन का मुख्य कारण बढ़ती बेरोजगारी और कर्ज में डूबी अर्थव्यवस्था है.

सिप्रास ने दिया प्रस्ताव-

ग्रीस के पीएम एलेक्सिस सिप्रास ने देश की अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए गुरुवार को नया प्रस्ताव दिया था. इसमें उन्होंने टैक्स और पेंशन संबंधी सुधार का खाका पेश करते हुए बेलआउट फंड से 3 वर्ष के लिए नया कर्ज मांगा है. ग्रीस ने 5350 करोड़ यूरो (करीब 3,79,353 करोड़ रुपये) का नया कर्ज मांगा है.

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