Nov 03 2015 04:44 AM
नैनीताल : नैनीताल में इस समय चल रहे फिल्म फेस्टिवल के दौरान इतिहासकार डॉ. शेखर पाठक ने पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की घोषणा कर सबको हैरान कर दिया. देश में बढ़ रही असहिष्णुता और हिमालय के लोगों की उपेक्षा के कारण डॉ. शेखर पाठक ने यह पुरस्कार लौटने का निर्णय लिया है.
इतिहासकार डॉ. शेखर पाठक को पद्मश्री वर्ष 2007 में मिला था. डॉ. शेखर पाठक ने कहा की वह इस पुरस्कार को लौटने के लिए उत्सुक थे लेकिन सही समय का इंतजार कर रहे थे जो आ गया है. सोमवार को उन्हें फिल्म फेस्टिवल में यह मौका मिला और उन्होंने तुरंत पुरस्कार लौटाने का ऐलान कर दिया. डॉ. पाठक का कहना है की एक समय था जब प्रगतिशील लोगों का केवल विरोध किया जाता था अब खुलेआम उनकी हत्याएं की जा रही हैं.
कन्नड़ साहित्यकार एमएस कलबुर्गी के खिलाफ जंग लड़ रहे नरेंद्र दाभोलकर की हत्या इसका प्रमुख उदाहरण हैं. मोदी सरकार जिस प्रकार से पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकारों का अपमान कर रही है यह विरोध उसी के विरोध में किया जा रहा है.
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