दीप पर्व पर होती है खुशियों की खनक चेहरे पर होती है दमक
दीप पर्व पर होती है खुशियों की खनक चेहरे पर होती है दमक
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दीपावली खुशियों की खनक और चेहरे पर मुस्कान की दमक का पर्व। यह पर्व सभी के लिए बेहद अहम होता है। इस पर्व को लेकर हर कहीं रौनक नज़र आती है और दीपपर्व का सभी खुशियों के साथ स्वागत करने में लगे रहते हैं। सबसे बड़े पर्व पर कोई भी वैमनस्य,राजनीति की बातें नहीं करना चाहता है। तो हम भी आपसे राजनीति की बात नहीं करेंगे। जी हां। दीपावली का यह पर्व उल्लास की सौगात देने के साथ हमें बहुत सारे संदेश देकर जाता है आखिर चार - पांच दिनों के इस पर्व में क्या संदेश छुपा है क्या आप जानते हैं। दरअसल बछबारस से प्रारंभ हुआ यह पर्व भाई दूज तक चलता है। इतने सारे दिनों तक इस पर्व में अलग अलग उत्सव आते हैं। सभी उत्सव आनंददायक होते हैं।

बछबारस के पर्व में श्रद्धालु गायों, बछड़ों और पशुधन का पूजन करते हैं। इस दिन गायों और बछड़ों को विशेषतौर पर सजाया जाता है। बछड़ों को सजाने के लिए कई तरह की विधियों का उपयोग किया जाता है। मगर यह पर्व संदेश देता है कि इस पारिस्थतिक में मौजूद हर प्राणी हमारे लिए विशेष महत्व देता है। खासकर गाय, बैल और बछड़ा बहुत ही उपयोगी होता है। गाय से दूध तो हमें मिलता है साथ ही गोबर से कंडे निर्मित होते हैं जो कई कार्यों में उपयोग में लाए जाते हैं। बछड़े का उपयोग खेती के कार्य में किया जाता है। ऐसे में पशु धन हमारे लिए अहम हो जाता है। 

धनतेरस एक उत्साह और उमंग का पर्व है। इस पर्व के माध्यम से सभी के आरोग्य की कामना की जाती है। इस पर्व में भारत की अति प्राचीन विधा आयुर्वेद चिकित्सा पद्धतियों की बात की जाती है। इस तरह की चिकित्सा पद्धतियों से रोगियों को स्थायी उपचार दिया जाता है। यही नहीं भगवान धन्वंतरि का पूजन कर श्रद्धालु अपने जीवन में आध्यात्म और नवीनता को धारण करते हैं। माना जाता है कि भगवान धन्वतंरि की प्रिय धातु पीतल खरीदकर उसका पूजन करना शुभ होता है मगर अब स्टेन लैस स्टील, होम अप्लायसेंस आदि खरीदे जाते हैं। ऐसे में नए बर्तन खरीदने की प्रथा है इस बहाने से लोगों को नएपन का अहसास होता है और बाजार की आर्थिक गतिविधियां चलती हैं। 

अनंत चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान का महत्व है। दरअसल इस दिन उबटन लगाकर स्नान किया जाता है। उबटन लगाकर स्नान करने का आशय यह है कि दीपावली तक मौसम में ठंडक घुलने लगती है। ऐसे में त्वचा में खुश्की आती है। जिसे दूर करने और त्वचा को निखारने के लिए हल्दी, बेसन, चंदन, तेल आदि से युक्त उबटन लगाकर स्नान किया जाता है। 

लक्ष्मी पूजन के दौरान झाड़ू का पूजन किया जाता है। झाडू से हम घर की सफाई करते हैं यह एक ऐसा संदेश है जिससे हम अपने जीवन की कमियों और बुराईयों को भी दूर करते हैं। बुराईयों को दूर कर हम अपने जीवन में अच्छाईयों का प्रवेश करवाते हैं। जिससे हमारा जीवन उत्तम होता है। 

'लव गडकरी'

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