मुंबई : इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतें 2 महीने के उच्चम स्तर 40 डॉलर प्रति बैरल के नजदीक पहुंच गई हैं. माना जा रहा है कि अगले 2 महीने में कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है. यह वृद्धि अमेरिका में उत्पादन घटने और 20 मार्च को क्रूड उत्पादक देशों के संगठन ओपेक की बैठक में प्रोडक्शन कट की उम्मीद के कारण है.
ब्रोकरेज हाउस क्रेडिट सुइस ने कच्चे तेल पर एक नई रिपोर्ट जारी की है इसके अनुसार फरवरी के अंत से क्रूड के फंडामेंटल में तेज बदलाव शुरू हो गया है. ग्लोबल अर्थव्यवस्था में फिलहाल मंदी का खतरा भी नहीं है. इसीलिए क्रूड में रिकवरी आई है. जिसके चलते मई तक कच्चे तेल की कीमतें 50 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं.
ब्रेंट क्रूड फरवरी के निचले स्तर से 50 प्रतिशत उछला है. 11 फरवरी 2016 को ब्रेंट क्रूड का भाव 26.21 डॉलर प्रति बैरल था, जो अब 40 डॉलर प्रति बरैल हो गया है.
UBS वेल्थ मैनेजमेंट की रिपोर्ट के अनुसार शॉर्ट टर्म में कच्चे तेल की कीमतें 25 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकती हैं. लेकिन लॉन्ग टर्म में कीमतों में सुधार देखने को मिल सकता है. साल 2016 के अंत मार्केट सेंटीमेंट बैलेंस होने की वजह से कच्चे तेल की कीमतें 55 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं. रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब, नाइजीरिया और अफ्रीका के कुछ ऑयल एक्सपोर्टर्स को अपने बजट को बैलेंस करने के लिए कीमतों में बढ़ोत्तरी करनी जरूरी हो गई है.