प्रतिबंध के बाद भी नर्मदा तट पर पहुंचे भक्त, किया श्राद्ध व तर्पण कार्य
प्रतिबंध के बाद भी नर्मदा तट पर पहुंचे भक्त, किया श्राद्ध व तर्पण कार्य
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ब्यूरो। ओंकारेश्वर के समीप गयाशीला पर श्राद्ध व तर्पण के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। आपको बता दे की ओंकारेश्वर में अमावस्या पर प्रवेश और नर्मदा स्नान प्रतिबंधित होने के बावजूद रविवार को नर्मदा घाटों पर अल सुबह श्रद्धालुओं ने स्नान और कर्मकांड करते हुए अपने पितरों की याद में तर्पण किया। प्रतिबंधित की वजह पूर्व की तुलना में भीड़ अवश्य कम रही।

 श्रद्धालुओं द्वारा नर्मदा तट पर दीपक लगाकर और गौशालाओं में चारा- गुड़ और पक्षियों को दाना खिलाकर अपने पितरों को याद किया। भगवान ओंकार के दर्शनों का लाभ लिया। ओंकारेश्वर के निकट गयाजी की तरह ही पितरों का तर्पण का कार्य गयाशीला पर श्राद्ध पक्ष में 16 दिनों तक पूजन व तर्पण किया गया। ओंकारेश्वर के पीछे स्थित पहाड़ी जिसे पांडव कालीन मंदिर कहा जाता है उसके सामने गयाशीला स्थित है। 

आसपास के क्षेत्रों से श्राद्ध पक्ष में बड़ी संख्या में ग्रामीण कर्मकांड और तर्पण कार्य के लिए बड़ी संख्या में यहां आते हैं। नर्मदा के किनारे होने और पांडव कालीन शिव मंदिर होने से लोग अपनों पितरों की शांति के लिए अमावस्या पर बड़ी संख्या में पितरों का तर्पण के लिए पहुंचे।

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