असुरक्षा के बीच भारत का विकास मुश्किल: राजनाथ सिंह
असुरक्षा के बीच भारत का विकास मुश्किल: राजनाथ सिंह
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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज एक दीपक जलाकर वाणिज्य और उद्योग पीएचडी चैंबर की 110 वीं वार्षिक सत्र का उद्घाटन किया. 'ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया' विषय पर वार्षिक सत्र आयोजित किया जा रहा है. अपने उद्घाटन भाषण के दौरान श्री राजनाथ सिंह ने कहा असुरक्षा के बीच देश विकास नहीं कर सकता है. इस प्रकार सुरक्षा, विकास के लिए पहली शर्त है. उन्होंने यह भी कहा की एक व्यक्ति के व्यक्तित्व के 'व्यापक विकास' के लिए 'आर्थिक विकास' के साथ साथ 'आध्यात्मिक विकास' जरुरी.

उन्होंने कहा कि भौतिकवाद क्षणिक खुशी दे सकता है लेकिन मानसिक शांति केवल आध्यात्मिक विकास के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है. उन्होंने कहा कि एक 'सुपर आर्थिक शक्ति' बनने के अलावा भारत भी एक 'जगत गुरु' बन सकता है. दुनिया को भारत के मूल्यों के प्रति आकर्षित होना चाहिए.

सत्र के विषय पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कार्यक्रम का विषय 'सबका साथ, सबका विकास' प्रधानमंत्री की दृष्टि के साथ मेल खाता है. उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का उद्देश्य आम लोगों के वित्तीय समावेश है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत वर्ष 2020-25 तक दुनिया के शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में से एक हो जाएगा. भारत दुनिया के शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में जगह पा सकता हैं. उन्होंने कहा कि भारत की रैंक 'कारोबार करने में आसानी के पैरामीटर पर ऊपर हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विकास दर वर्तमान में लगभग 7.5% है, जो निकट भविष्य में दोहरे अंक को छू जाएगी.

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