डेस्क वर्क पर करते हैं काम तो हो सकता है कैंसर, बचाव के लिए करें ये उपाय
डेस्क वर्क पर करते हैं काम तो हो सकता है कैंसर, बचाव के लिए करें ये उपाय
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अगर आपका डेस्क वर्क है तो आपको अभी से सतर्क होने की जरूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज और पेकिंग यूनियन मेडिकल कॉलेज द्वारा किए गए शोध में सामने आया है कि जो लोग दिन में 8 घंटे अपने डेस्क पर बैठते हैं, उनमें दूसरे लोगों के मुकाबले दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की संभावना 20% अधिक होती है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं लंबे समय तक बैठने से होने वाली अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में।

हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल- लंबे समय तक बैठे रहने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) की समस्या हो सकती है और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।

 
अग्नाशय या पाचक ग्रंथि में बदलाव- लंबे समय तक बैठे रहने से अग्नाशय या पाचक ग्रंथि अधिक सक्रिय हो जाती है और इस वजह से अधिक इंसुलिन पैदा करता है। वहीं इस हॉर्मोन से कोशिकाओं को ग्लूकोज के तौर पर एक ऊर्जा स्रोत पहुंचाए जाने का काम होता है, चूंकि ऐसी अवस्था में मांसपेशियों की कोशिकाएं निष्क्रिय होती हैं इसलिए इंसुलिन को प्रयोग में नहीं ला पाता है। जी हाँ और इसके चलते ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है कि इंसुलिन की अधिकता से मधुमेह और अन्य बीमारियां पैदा हो जाती हैं।

 
कोलोन कैंसर का खतरा-
लंबे समय तक बैठे रहने से कोलोन कैंसर का खतरा बना रहता है। केवल यही नहीं बल्कि किन्हीं कारणों से स्तन और अन्तर्गर्भाशयकला (एन्डोमेट्रीअल) कैंसर होने का भी खतरा बना रहता है।

 
मांसपेशियों में कमजोरी- अधिक समय तक बैठे रहने से पीठ और पेट की मांसपेशियां ढीली पड़ने लगती हैं। ऐसी स्थिति के चलते आपके कूल्हे और पैरों की मांशपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं। केवल यही नहीं बल्कि लंबे समय तक एक स्थिति में बैठने का परिणाम यह भी हो सकता है कि आपकी रीढ़ की हड्‍डी भी पूरी तरह से सीधी न रह सके।

 
दिमाग पर असर-
मस्तिष्क पर भी अधिक समय तक बैठे रहना बुरा असर डालता है। जी हाँ और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली धीमी हो जाती है। मांसपेशियों की सक्रियता से मस्तिष्क में ताजा खून और ऑक्सीजन की मात्रा पहुंचती है, जिसके ऐसे रसायन उत्पन्न होते हैं जोकि दिमाग को सक्रिय बनाए रखते हैं लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो मस्तिष्क की क्षमता पर भी विपरीत असर पढ़ता है।

 
गर्दन में तनाव- लंबे समय तक कम्प्यूटर पर बैठने या टाइप करने से गर्दन भी सख्त हो जाती है। जी हाँ और इस अस्वाभाविक हालत का परिणाम यह होता है कि गर्दन में तनाव पैदा हो जाती है। इसके कारण कंधों और पीठ में भी दर्द होने लगता है।

 
क्या करें उपाय-

नेक स्ट्रेचिंग है फायदेमंद- नेक स्ट्रेचिंग आप खड़े और बैठे दोनों स्थिति में कर सकते है, इसके लिए बस सिर को बाईं ओर और फिर दाईं ओर झुकाने की जरूरत है। इसके अलावा ज्यादा बेहतर अनुभव के लिए आप कुर्सी के किनारे को पकड़कर नेक स्ट्रेच कर सकते हैं।

 
शोल्डर श्रग करने से मिलेगी राहत - शोल्डर श्रग करने के लिए आप अपने कंधों को ऊपर उठाएं कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में रहें और फिर उन्हें वापस नीचे लाएं। जी हाँ और ऐसा ही 4-5 बार दोहराएं। इसी के साथ ही कंधों में पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए आप कंधों को आगे और पीछे भी घुमा सकते हैं।

 
टोर्सो स्ट्रेचिंग से रहेंगे तनाव मुक्त- बैठे हुए लैपटॉप पर लगातार काम करने से आपको धड़ में तनाव हो सकता है। इसे दूर करने के लिए आप दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में मिला लें और अपनी बाहों को छत की ओर फैलाएं।

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