Jun 08 2016 03:23 PM
लखनऊ : देवबंद के दारुल उलुम ने भ्रूण हत्या के खिलाफ फतवा जारी किया है। भारत के सबसे बड़े इस्लामी मदरसे ने फतवे में कहा है कि चयनात्मक गर्भपात गैर कानूनी है और साथ ही यह इस्लाम के भी खिलाफ है। देवबंद के प्रवक्ता मौलाना अर्शरफ उस्मानी ने कहा कि यह फतवा चयनात्मक गर्भपात के खिलाफ है। यह एक ऐसा कुकृत्य जो इस्लाम के भी खिलाफ है। जो भी ऐसा करते है, उनके लिए अल्लाह की नजर में कोई दया नहीं।
फतवा जारी करने से पहले मदरसा द्वारा मुसलमानों में विषम लिंग अनुपात पर मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया गया। कहा गया कि 6 वर्ष तक के प्रति 1000 लड़कों पर 6 साल तक की लड़कियों की संख्या वर्ष 2011 में 950 से कम होकर 943 हो गई है।
उस्मानी ने मुस्लमानों से अपील करते हुए कहा कि वे ऐसे किसी भी कार्य से खुद को अलग रखें, जो लड़कियों के साथ भेदभाव करता है। उन्होंने कहा कि हमारे कुलपति ने चयनात्मक लिंग गर्भपात को कोल्ड-ब्लडेड मर्डर करार दिया है।
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