जानिए क्या है डेल्टा, डेल्टा प्लस, और कप्पा वेरिएंट?
जानिए क्या है डेल्टा, डेल्टा प्लस, और कप्पा वेरिएंट?
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी के कारण देश का प्रत्येक क्षेत्र ग्रसित है इस बीच कोरोना की दूसरी वेव ने देश में बहुत हंड़कंप मचाया हुआ है। वहीं विशेषज्ञों की मानें तो अब तीसरी वेव भी दस्तक देने को तैयार है। इस मध्य कोरोना के नए एवं घातक वेरिएंट्स ने सभी के मन में डर उत्पन्न कर दिया है। हाल ही में यूपी में कोरोना संक्रमण का नया वेरिएंट कप्पा का दूसरा मामला सामने आया है जिसके कारण एक्सपर्ट्स तथा चिकित्सकों की चिंता बढ़ गई है। कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह वेरिएंट घातक सिद्ध हो सकता है। इससे पूर्व बृहस्पतिवार को गोरखपुर एवं देवरिया में दो रोगियों में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि हुई थी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में नए वेरिएंट की दस्तक से दहशत की स्थिति है। इनमें एक रोगी की मौत हो चुकी है। जानते हैं अब कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से कितना भिन्न है कप्पा वेरिएंट...

क्या हैं कप्पा वेरिएंट के लक्षण?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना संक्रमण के कप्पा वेरिएंट से ग्रसित व्यक्तियों में खांसी, बुखार, गले में खराश जैसे प्राइमरी लक्षण नजर आ सकते हैं। वहीं, माइल्ड और गंभीर लक्षण कोरोनावायरस के अन्य म्यूटेंट्स के लक्षण की ही भांति होंगे। इस वैरिएंट को लेकर अभी शोध हो रहे हैं लिहाजा अभी इससे संबंधित कई जानकारी सामने आ सकती है। इन सबके बीच कप्पा वैरिएंट की इंट्री ने विभाग को परेशानी में डाल दिया है। क्योंकि यह डेल्टा वायरस का ही बदला स्वरूप है, जो डेल्टा प्लस की भांति भयावह है। डेल्टा प्लस को भारत में वैरिएंट ऑफ कंर्सन घोषित किया गया है। जबकि कप्पा वैरिएंट को WHO ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित कर चुका है।

डेल्टा का तीसरा एक और म्यूटेशन मिला:-
डेल्टा में अब तीसरा एक और म्यूटेशन सामने आया है। यह पिछले 23 जून को दर्ज किया गया है, मगर भारत में अभी तक इसकी उपस्थिति नहीं है। अमेरिका तथा ब्रिटेन के कुछ प्रदेशों में जीनोम सीक्वेसिंग के माध्यम से एवाई.3 म्यूटेशन की पुष्टि हुई है।

पहले डेल्टा प्लस पर भी नहीं दी थी सूचना:-
मंत्रालय ने डेल्टा प्लस के आठ से ज्यादा केस सामने आने के पश्चात् भी कई दिन तक खबर नहीं दी थी। उस के चलते प्रेस कान्फ्रेंस में मंत्रालय ने डेल्टा प्लस के केस मिलने से मना कर दिया था, मगर अगले हफ्ते की कान्फ्रेंस में 49 मामले मिलने की पुष्टि की। यूके, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, पोलैंड, जापान, नेपाल, चीन समेत नौ देशों में इसका पता चला है।

लैंब्डा वेरिएंट पर चर्चा:-
बीते माह डब्ल्यूएचओ ने भी लैंब्डा (C.37) को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित किया था। अपने साप्तहिक बुलेटिन में, डब्ल्यूएचओ ने बताया था कि कई देशों में लैंब्डा का कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है। इसके कारण कोरोना के केस अचानक से बढ़े हैं। पेरू में इस वेरिएंट के 80% से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। भारत की बात करें तो रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी तक इस वैरिएंट का कोई मामला देश में सामने नहीं आया है। C.37 स्ट्रेन जिसे लैम्ब्डा वैरिएंट नाम दिया गया है। इसका सबसे पहला केस दिसम्बर 2020 में पेरू में सामने आया था।

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