दिल्ली दंगा: रतनलाल को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला, ढाई साल बाद गिरफ्तार हुई आरोपी महिला
दिल्ली दंगा: रतनलाल को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला, ढाई साल बाद गिरफ्तार हुई आरोपी महिला
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नई दिल्ली: वर्ष 2020 में दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों (Delhi Riots 2020) के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की निर्मम हत्या करने के जुर्म में एक महिला को अरेस्ट किया गया है। यह महिला गिरफ्तारी से बचने के लिए बीते ढाई वर्षों से वेश बदलकर फरार चल रही थी। इस आरोपी महिला पर दिल्ली पुलिस ने 50,000 रुपए का ईनाम भी घोषित कर रखा था। 27 साल की यह महिला अपराधी दिल्ली के भजनपुरा स्थित सुभाष मोहल्ला की निवासी है। इसे पुलिस ने गुरुवार (13 अक्टूबर) शाम लगभग 05:30 बजे नोएडा के सेक्टर-63 स्थित कॉगेंट बिल्डिंग के इलाके से पकड़ा है।

बता दें कि कॉन्स्टेबल की हत्या में आरोपित बनाए जाने के बाद यह महिला अपने घर से भाग गई थी। पुलिस को चकमा देने के लिए वह विभिन्न इलाके के किराए के मकानों में रह रही थी। इस दौरान एक शख्स से निकाह भी कर लिया था। उस शख्स ने आरोपित महिला के लिए नोएडा की एक कंपनी में कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव की नौकरी की व्यवस्था की थी। नौकरी के दौरान वह अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों से निरंतर संपर्क में थी। इसके लिए वह कंपनी के कस्टमर केयर नंबर का उपयोग करती थी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (DCP) संजय कुमार सैनी ने जानकारी दी है कि इस महिला को अरेस्ट करने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया था।

ऑपरेशन विंग, दंगों के दौरान हत्या के मामले में फरार आरोपियों की खोजबीन कर रही थी। महिला की तलाश में दिल्ली पुलिस की टीम उसके संबंधियों पर भी नजर रख रही थी। इसी बीच पुलिस ने पाया कि, उसका एक करीबी रिश्तेदार अपने मोबाइल से नोएडा वाली कंपनी के कस्टमर केयर नंबर पर बार-बार फोन करता था। पुलिस ने जब उसकी CDR खंगाली तो उसे शक हुआ और इस आधार पर महिला को अरेस्ट कर लिया गया। पूछताछ के दौरान महिला ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। महिला के अनुसार, फरवरी 2020 में दंगों के दौरान वह CAA-NRC विरोधी प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से शामिल थी। वहीं, लापता होने के बाद दिल्ली पुलिस ने महिला को भगोड़ा घोषित कर दिया था।

बता देें कि दिल्ली दंगों के दौरान मुख्य वजीराबाद रोड स्थित चाँद बाग में ड्यूटी करने के दौरान इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने रतन लाल को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था। रतन लाल के अतिरिक्त इस हमले में शाहदरा के तत्कालीन DCP अमित शर्मा और गोकुलपुरी के तत्कालीन ACP अनुज कुमार भी इस हमले में बुरी तरह घायल हुए थे। इनके साथ ही 50 अन्य पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई थीं। बता दें कि 42 वर्षीय रतन लाल राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर तिहवाली गाँव के रहने वाले थे। वे वर्ष 1998 में दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल पद पर बहाल हुए थे और गोकुलपुरी पुलिस स्टेशन में पदस्थ थे। 

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